रनवे के नीचे 450 मीटर लंबी छह लेन की टनल व 2.40 किमी की फोरलेन सड़क

रनवे के नीचे 450 मीटर लंबी छह लेन की टनल व 2.40 किमी की फोरलेन सड़क

पूरे प्रोजेक्ट पर 652.54 करोड़ रुपये होंगे खर्च, 2 वर्ष में पूर्ण करने का रखा गया है लक्ष्य

वाराणसी (रणभेरी सं.)। वाराणसी के बाबतपुर में सिक्स लेन की टनल बनाने की योजना है, जो वाराणसी-लखनऊ नेशनल हाईवे (एनएच-31) के तहत आएगी। इस टनल के ऊपर एयरपोर्ट का रनवे तैयार किया जाएगा। इस परियोजना के तहत 450 मीटर लंबी टनल बनाई जाएगी, जिससे यातायात सुगम होगा। इसके अलावा, 2.40 किलोमीटर ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क का भी निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना एनएचएआई द्वारा किया जाएगा। बाबतपुर चौराहे से लगभग दो किलोमीटर पहले पुरारघुनाथपुर, बसनी होते हुए सिसवां गांव तक पूरी की जाएगी। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 652.54 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें सिविल कार्य पर लगभग 440 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 

 जिसे 2 वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। वाराणसी एयरपोर्ट के रनवे के नीचे इस सुरंग का निर्माण एनएचएआई द्वारा किया जाएगा। एयरपोर्ट पर रनवे का विस्तार भी करेगी। अब तक देश के किसी भी एयरपोर्ट पर रनवे के नीचे से कोई सड़क नहीं गुजरी है। एयरपोर्ट के वर्तमान परिसर का लगभग 774 एकड़ में विस्तार किया जाएगा। जिसमें से 639 एकड़ परिसर के अंदर और 135 एकड़ परिसर से बाहर विस्तृत किया जाएगा। वर्तमान में रनवे की लंबाई 2745 मीटर है, जिसे बढ़ाकर 4075 मीटर किया जाएगा। वर्तमान समय में एयरपोर्ट टर्मिनल 24,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसे बढ़ाकर 99,500 वर्ग मीटर किया जाएगा। पीक आवर के दौरान अभी जहां 1050 यात्री इस एयरपोर्ट से सफर करते हंै, वहीं विस्तार के बाद यात्रियों की संख्या बढ़कर 6050 हो जाएगी। इसके साथ ही वार्षिक तौर पर भी 39 लाख यात्रियों को हैंडल करने की वाराणसी एयरपोर्ट की क्षमता बढ़कर 1 करोड़ प्रति वर्ष हो जाएगी।

1700 मीटर रनवे का होगा विस्तार

टनल की गहराई साढ़े छह मीटर होगी। कार्यदायी एजेंसी को निर्माण के साथ-साथ 10 वर्षों तक इसकी देखरेख और मरम्मत की भी जिम्मेदारी निभानी होगी। रनवे का 1700 मीटर तक विस्तारीकरण किया जाना है। इसी टनल के ऊपर से बोइंग-777 जैसे विमान भी गुजरेंगे।

100 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री भी नहीं पहुंचा सकेगा टनल को क्षति 

आइआइटी दिल्ली ने टनल की सुरक्षा का डिजाइन तैयार किया है। 100 किलोग्राम टीएनटी (ट्रिनाइट्रोटोलुइन) जैसा विस्फोटक पदार्थ भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। 24 घंटे वीडियो निगरानी प्रणाली होगी। प्रवेश द्वार पर दोनों तरफ संतरी पोस्ट बनाई जाएगी और एक नियंत्रण केंद्र स्थापित होगा। निरंतर निगरानी और चिकित्सा सहायता के लिए रूट पर पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की उपलब्धता रहेगी। सुरक्षा का जिम्मा एयरपोर्ट सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) का होगा।

बाबतपुर एयरपोर्ट का विस्तार

  1. 450 मीटर लंबी छह लेन की टनल
  2. 2.40 किमी। फोरलेन सड़क
  3. 652.54 करोड़ का प्रोजेक्ट
  4. 39 लाख यात्रियों को हैंडल करने की क्षमता
  5. 80 फ्लाइट का आवागमन
  6. 10 हजार पैसेंजर्स प्रतिदिन करते हैं यात्रा

गंगा में पहली बार लगेगी चार स्टील पांटून जेटी

वाराणसी (रणभेरी सं.)। बनारस से बलिया तक गंगा में चार स्थानों पर नई सामुदायिक जेटी लगाने की तैयारी है, लेकिन इस बार जेटी उच्च घनत्व पालीथाइलिन की नहीं होगी। चारों स्थानों पर पहली बार स्टील पोंटून जेटी लगेगी। इससे पर्यटकों की क्षमता बढ़ाने का प्रयास होगा। भारतीय अंतदेर्शीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) ने शहर के एक घाट के अलावा गाजीपुर और बलिया में नए स्थानों पर स्टील पोंटून जेटी लगाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है। प्रस्ताव पर सहमति भी बनी है। कोलकाता में जेटी का निर्माण शुरू हो चुका है। तीन माह बाद जेटी स्थापित कर दी जाएगी। यह पोंटून जेटी अधिक मजबूत और टिकाऊ होती हैं। इन्हें आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकेगा। क्रूज और नावों को बांधने और ठहरने के लिए इसका उपयोग होगा। माल को उतारने और चढ़ाने, स्कीइंग, ट््यूङ्क्षबग और अन्य वाटर स्पोटर्््स के लिए भी इसका उपयोग हो सकेगा। जंक प्रतिरोधी बनाने के लिए विशेष कोङ्क्षटग की जाएगी। नदी के किनारे के क्षरण को रोकने में भी मदद मिलेगी। बताते चलें कि रविदास घाट, रामनगर, राजघाट, कैथी, सैदपुर, चोचकपुर, जमनिया, गाजीपुर, मझौआ और उजियार घाट समेत 15 स्थानों पर उच्च घनत्व पालीथाइलिन की जेटी लगाई जा चुकी है।