‘इतने पैसे कहां से आएंगे', फिर रुलाने लगी प्याज...

‘इतने पैसे कहां से आएंगे', फिर रुलाने लगी प्याज...

 सब्जियों के रेट ने पूरी तरह से बिगाड़ दिया घरेलू बजट, पूछ रहे लोग - कब मिलेगी राहत 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। हरी सब्जियों के दाम पूरे देश में आसमान छू रहे हैं। सामान्य या गरीब लोगों को एक टाइम भी सब्जी बनाने के लिए सोचना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले तक जो टमाटर 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, आज उसके भाव 90 रुपये तक पहुंच गए हैं। इसी प्रकार प्याज के दाम 30 रुपये से बढ़कर 60 रुपये पर पहुंच गए हैं। हरी सब्जियों की कीमत में उछाल आने से अन्य सब्जियों की कीमत में भी उछाल देखने को मिल रहा है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि आने वाले दिनों में सब्जियों के भाव और बढ़ेंगे। सब्जियों के लगातार बढ़ते दाम से आम आदमी को विभिन्न प्रकार की मुश्किलों से जूझना पड़ रहा है। प्याज मौजूदा समय में 70 रुपये प्रति किलो में बिक रही है। इतना ही नहीं, टमाटर के दाम भी बढ़ता जा रहे हैं। जबकि लहसुन 120 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। तो कश्मीरी मिर्च 80 रुपये प्रति किलो है। इसके अलावा गोभी, शिमला मिर्च के दाम भी विगत दिनों के अपेक्षा बढ़ गए हैं। नतीजा यह है कि इसका सीधा प्रभाव घरेलू बजट पर पड़ रहा है। 

ये है बाजार में सब्जियों का हाल

शहर के विभिन्न स्थानों पर प्रतिदिन लगने वाली हाट-बाजार में टमाटर 90 और प्याज 60 रुपये प्रति किलो बिक रही है। वहीं, लहसुन 400 रुपये, शिमला मिर्च 120 रुपये, हरी मिर्च 80 रुपये, अरबी 60 रुपये, बरबट्टी 40 रुपये, पालक 40 रुपये, भिंडी 30 रुपये, खीरा 30 रुपये और आलू 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इन प्रमुख हरी सब्जियों में यह उछाल इसलिए आया है क्योंकि बीते दिनों जिले के किसानों द्वारा उगाई गई सब्जी की फसलें कम हो गई हैं। इसलिए स्थानीय उत्पादन की आवक कम हो गई है। अब जिले के किसान इन सब्जियों की बोवनी अपने खेतों में कर रहे हैं।

इस वजह से बढ़े दाम 

अगले एक माह तक स्थानीय सब्जियां बाजार में नहीं आएंगी और कीमत कम नहीं होने की उम्मीद है। कुछ लोगों से इसके बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि जिले के बाहर से आने वाली सब्जियां परिवहन के कारण थोक बाजार में महंगी बिक रही है। इसलिए लोकल मार्केट में भी इनके रेट अधिक है। लोगों को कुछ और दिनों तक महंगाई की ये मार झेलनी पड़ेगी। किसान प्रेमलाल कुशवाहा और राजू पटेल ने बताया कि गर्मी के सीजन में लगाई गई हरी सब्जियों की फसलों का समय पूरा हो गया है। इसलिए स्थानीय सब्जियों की आवक घट गई है। वर्तमान समय में ग्रामीण क्षेत्र के किसान सब्जी की फसल लगा रहे हैं। जिसका उत्पादन एक माह बाद आने की उम्मीद है।

आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों में उछाल

आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों में उछाल से सितंबर में घर का बना खाना एक साल पहले की तुलना में महंगा हो गया। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2023 में शाकाहारी भोजन की लागत 28.1 रुपये से सितंबर में 11 प्रतिशत बढ़कर 31.3 रुपये हो गई। यह अगस्त में 31.2 रुपये से थोड़ी ही अधिक हुई। रोटी, राइस, रेट नामक इस रिपोर्ट में वृद्धि के लिए सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो थाली की लागत का 37 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें कहा गया, सितंबर में प्याज, आलू तथा टमाटर की कीमतें क्रमश: 53 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 18 प्रतिशत बढ़ीं। इसकी वजह प्याज तथा आलू की कम आवक, जबकि भारी बारिश से आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में टमाटर का उत्पादन प्रभावित रहना रही। रिपोर्ट में कहा गया, उत्पादन में कमी से दालों की कीमतों में पिछले साल की तुलना में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि साल की शुरूआत में कीमतों में कटौती के कारण ईंधन की कीमतों में 11 प्रतिशत की गिरावट आई। मांसाहारी थाली भोजन की लागत पिछले वर्ष की तुलना में दो प्रतिशत घटकर 59.3 रुपये हो गई, जबकि ब्रॉयलर (मांस) की कीमतों में 13 प्रतिशत की गिरावट आई जिसका इस थाली में 50 फीसद योगदान है।