आज काशी के कोतवाल का जन्मोत्सव पर हुआ है भव्य श्रृंगार, मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए उमड़े श्रद्धालु

आज काशी के कोतवाल का जन्मोत्सव पर हुआ है भव्य श्रृंगार, मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए उमड़े श्रद्धालु

वाराणसी(रणभेरी): आज काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव है। इस शुभ अवसर पर बाबा कालभैरव को रजत मुखौटा धारण करा कर उनका विशेष श्रृंगार किया गया है और मंदिर की भी खास सजावट की गई है। आज आधी रात बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव मनाने के साथ ही उनकी महाआरती की जाएगी। पूरे मंदिर परिसर को भव्यता से सजाया गया है। रास्ते में दोनों तरफ गुब्बारों से आकर्षक सजावट की गई है।

काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव का आज जन्मोत्सव है।इस अवसर पर कोतवाली स्थित बाबा काल भैरव के मंदिर में भव्य रजत श्रृंगार किया गया है। मंदिर परिसर में भव्य लाइटिंग से सजावट की गई है। वही मंदिर जाने वाले मार्ग पर गुब्बारे लगाकर आकर्षक सजावट की गई है जो कि श्रद्धालुओं का मन मोह ले रहा है।

इस शुभ अवसर पर आज देर रात पंचमेवा से बना हुआ 801 किलो का केक भी काल भैरव मंदिर में कटेगा और उसके उपरांत प्रसाद स्वरूप यह सभी भक्तों में बांटा जाएगा। भैरव अष्टमी के शुभ अवसर पर काल भैरव मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थियों का ज्वार उमड़ पड़ा है। मंदिर के पीछे तक श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी हुई है।

बाबा कालभैरव मंदिर के महंत कैलाशनाथ महाराज ने कहा कि भैरव अष्टमी का दिन विशेष पुण्यकारी होता है। आज के दिन बाबा कालभैरव का दर्शन-पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं और मनोवांछित फल मिलता है। काशी में भैरवजी का विशेष महत्व है। आज के दिन लोग व्रत रह कर आधी रात बाबा कालभैरव की विशेष पूजा करते हैं। बाबा कालभैरव के दर्शन मात्र से ही सभी प्रकार के पापों से मुक्ति पाते हैं और सुख-शांति मिलती है। काशी में भैरव अष्टमी का आयोजन तीन दिन होता है। पहले दिन यानी मंगलवार को बाबा कालभैरव डोले पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकले थे। उनके डोले की अगुवाई किन्नरों ने की थी। आज बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। कल बाबा कालभैरव के मंदिर में भंडारे का आयोजन कर उनके आशीर्वाद के रूप में प्रसाद वितरित किया जाएगा।