आज काशी विश्वनाथ धाम की पहली वर्षगांठ, सालभर में 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी,40 करोड़ रुपये का चढ़ा

आज काशी विश्वनाथ धाम की पहली वर्षगांठ, सालभर में 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी,40 करोड़ रुपये का चढ़ा

वाराणसी (रणभेरी): श्री काशी विश्वनाथ धाम की आज पहली वर्षगांठ है। एक साल में विश्वनाथ धाम ने कई कीर्तिमान रचे हैं। बीते एक साल में 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे हैं। इसके साथ ही बाबा के दरबार में नगदी, सोना, चांदी आदि मिलाकर 100 करोड़ रुपए से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया है। वही आज काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की पहली वर्षगांठ भी काशीवासियों की स्मृतियों में दर्ज हो जाएगी। लोकार्पण उत्सव मनाने के लिए बाबा का धाम सज-धजकर तैयार हो गया है। गंगा द्वार से विश्वनाथ द्वार तक पूरा परिसर रंगबिरंगी रोशनी में नहा उठा है। ऐसा लग रहा है मानो आसमान से जमीं पर सितारे भी बाबा धाम का उत्सव मनाने धरती पर उतर आए हों। बाबा विश्वनाथ के मंदिर क्षेत्र से लेकर गंगा द्वार तक रंग-बिरंगी रोशनी श्रद्धालुओं को लुभा रही है। मंगलवार की मंगला आरती के साथ ही धाम के लोकार्पण के प्रथम वर्षगांठ का उत्सव आरंभ हो जाएगा। काशीवासियों के साथ ही देश भर के श्रद्धालु बाबा की भव्य मंगला आरती के साक्षी बनेंगे। इसके साथ ही बाबा का दरबार आम श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा। वेदपाठी बटुक और संत समाज की ओर से वेद पारायण होगा। पूरा परिसर ओजस वेद मंत्रों से गुंजायमान हो उठेगा।

साथ ही बाबा का दर्शन करने आ रहे देश भर के श्रद्धालुओं को भाषाई समस्या नहीं होगी। दक्षिण भारत के हर राज्य की भाषा में धाम में अनाउंसमेंट करने के साथ ही अंग्रेजी में भी अनाउंसमेंट किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्यों के हिसाब से हेल्पडेस्क भी स्थापित किए जाएंगे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि लोकार्पण के बाद से अब तक 11 महीने में सात करोड़ श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन पूजन किया है। भीड़ प्रबंधन को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

धाम में हुए खर्च की बात करें तो अप्रैल 2021 में 38 लाख और मई 2021 में 76 लाख रुपये खर्च हुए थे। अप्रैल 2022 में 31 लाख और मई माह में एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें वेतन, सामान्य खर्च, व्यवस्था और आकस्मिक खर्च भी शामिल हैं। सीईओ ने बताया कि 2018-19 के वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 26.65 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा था। उससे पहले चढ़ावे का आंकड़ा सालाना 10 से 12 करोड़ रुपये तक ही होता था। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ने अपने पहले ही साल में चढ़ावे के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिए। बीते एक साल में देश-दुनिया से श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आए शिव भक्तों ने दिल खोलकर बाबा के दरबार में नकदी, सोना, चांदी और अन्य धातुओं का चढ़ावा चढ़ाया है। मंदिर प्रशासन के आकलन के अनुसार चढ़ावे का कुल मूल्य 100 करोड़ से भी ज्यादा है। वहीं 13 दिसंबर 2021 से 12 दिसंबर तक सात करोड़ 35 लाख 82 हजार 042 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में धाम के लोकार्पण से अब तक श्रद्धालुओं ने लगभग 50 करोड़ से अधिक की नकदी दान की। इसमें से 40 प्रतिशत धनराशि आनलाइन प्राप्त हुई है। वहीं लगभग 50 करोड़ से अधिक के धातु (60 किलो सोना, 10 किलो चांदी और 15 सौ किलो तांबा) भी चढ़ावे में मिले हैं। सोना व तांबे से गर्भगृह की बाहरी और आंतरिक दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि 13 दिसंबर 2021 से लेकर अब तक श्रद्धालुओं ने 100 करोड़ रुपये से अधिक का दान अर्पण किया। यह मंदिर के इतिहास में सर्वाधिक है। साथ ही पिछले साल की तुलना में यह राशि लगभग पांच सौ प्रतिशत से अधिक है।