एबीवीपी की राष्ट्रीय बैठक में पारित हुए 4 प्रस्ताव

वाराणसी (रणभेरी सं.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की तीन दिवसीय बैठक में देशभर से आए 478 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और छात्रहित, शिक्षा सुधार और राष्ट्र निर्माण जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया। बैठक में 4 प्रस्ताव काशी के लिए पास हुए। बैठक में हाल ही में हुए ह्यआॅपरेशन सिंदूरह्ण और ह्यआॅपरेशन कगारह्ण में भारतीय सेना के पराक्रम की सराहना की गई और सुरक्षा बलों के प्रति एकजुट समर्थन प्रकट किया गया। अभय सिंह ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सहित देश के कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा गया है। परिषद ने कहा कि कार्यवाहक कुलपति के कार्यकाल में बीएचयू जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में अराजकता का माहौल बना है और केंद्र सरकार को शीघ्र हस्तक्षेप करना चाहिए। अभय सिंह ने बताया परिषद ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर देशभर में पूर्व मीसाबंदियों के साथ संवाद, रैली और स्मरण कार्यक्रमों के आयोजन की घोषणा की है। यह आयोजन आगामी दो वर्षों तक विभिन्न विश्वविद्यालय परिसरों में किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक कमेटी का भी गठन किया जायेगा। इसके अलावा बैठक में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और रानी अबक्का की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रमों की घोषणा की गई। इसमें छात्रावास सर्वेक्षण, पुस्तकों का प्रकाशन, पूजन यात्राएं और विविध रचनात्मक गतिविधियां शामिल रहेंगी। काशी प्रान्त के प्रान्त मंत्री एवं केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य अभय प्रताप सिंह ने कहा विद्यार्थी परिषद सदैव ही छात्रहित एवं समाजहित के मुद्दों पर कार्य करते आ रही है। अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में देश के शैक्षणिक परिदृश्य एवं सामाजिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई इसी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा, कोचिंग संस्थानों की मनमानी, विभिन्न संश्थानों में कुलपति नियुक्ति में देरी एवं वैश्विक स्तर पर भारत की कूटनीति से संबंधित प्रस्ताव भी पारित हुए। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रशांत राय ने कहा की अभाविप आने वाले समय में विभिन्न अभियानो और कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों के मध्य जा कर समरस्ता का सन्देश देने का कार्य करेगी।इस राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक में संगठन ने शिक्षा, पर्यावरण, खेल, उद्यमिता और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर रचनात्मक हस्तक्षेप करते हुए विविध स्तरों पर प्रभावशाली कार्यक्रम चलाए हैं।
बैठक में प्रमुख रूप से चार प्रस्ताव पारित किए गए
- स्कूल और कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर नियंत्रण हेतु नीति निर्माण किया जायेगा।
- केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी पर सरकार को लिखा जायेगा पत्र
- भारत की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर मंथन कार्यक्रम का आयोजन
- विश्वविद्यालय परिसरों में बढ़ती वैचारिक अस्थिरता के समाधान हेतु छात्रो एवं वरिष्ठ प्रोफेसर से लिये जाएंगे सुझाव