औरंगजेब को न मानने वालों का संघ में स्वागत : भागवत

वाराणसी (रणभेरी सं.)। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने काशी में कहा-औरंगजेब को आदर्श न मानने वाले भारतीयों का संघ में स्वागत है। शाखा में शामिल होने वाले सभी लोग भारत माता की जय बोलें और भगवा ध्वज के प्रति सम्मान प्रकट करें। उन्होंने कहा- भारतीयों का रहन-सहन, पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन संस्कृति एक है। भागवत रविवार सुबह मलदहिया में संघ की शाखा में शामिल हुए। वहां स्वयं सेवकों के सवालों के जवाब दिए। शाखा में शामिल होने वाले सभी लोग भारत माता की जय बोलें और भगवा ध्वज के प्रति सम्मान प्रकट करें। भारतीयों का रहन-सहन, पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन संस्कृति एक है। काशी प्रवास के चौथे दिन भागवत ने कहा कि संघ ने हमेशा भारत के सभी पंथ, संप्रदायों, जातियों का शाखा में स्वागत किया है। जगह दी है। उन्होंने संघ की टोली की गतिविधियां भी देखीं और शाखा में शामिल लोगों से एक-एक करके बात भी की। शाखा में संवाद के दौरान कुछ लोगों के सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि शाखा के दौरान हमारा अनुशासन ऐसा होना चाहिए कि पास से गुजर रहा कोई भी व्यक्ति ठहर जाए। शाखा से जुड़ने पर व्यक्ति का निर्माण होता है। व्यक्ति से समाज और समाज से राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने शताब्दी वर्ष की तैयारियों के बारे में भी पूछा और कहा कि संघ का साहित्य घर-घर पहुंचना है। हर गांव और मोहल्ले तक शाखा पहुंचानी है। मोहन भागवत यहां करीब करीब सवा घंटे तक रहे।
शब्दालय में आकर खुद को धन्य महसूस कर रहा
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत रविवार की सुबह करीब सवा सात बजे लाजपत नगर स्थित दिवंगत बदरीनाथ कपूर के आवास पर पहुंचे। यहां उनके शब्दालय में बौद्धिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। बद्रीनाथ कपूर के बेटे दीपक कपूर ने उन्हें पिता की लिखित पुस्तक अंग्रेजी हिंदीकोश और योग वशिष्ठ भेंट की।
आरएसएस प्रमुख ने दिवंगत बद्रीनाथ कपूर को याद किया और कहा कि शब्दालय पहुंचकर वह खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं। उनकी लिखी पुस्तकों में एक शब्द के कई अर्थ देखने को मिलते हैं। शब्दों के विभिन्न अर्थ समझने में विद्यार्थियों और साहित्य जगत से जुड़े लोगों को आसानी हुई। दीपक कपूर ने कहा कि हमारे बाबा पद्मश्री आचार्य रामचंद्र वर्मा और पिता शब्द योगी डॉ. बद्रीनाथ कपूर की शब्द-साधना स्थली शब्दलोक आकर आरएसएस प्रमुख खुश थे।
पंचप्रण के पांच आयाम के लिए करें काम
एक घंटे से ज्यादा समय तक चले बौद्धिक सत्र में उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों और प्रचारकों से बात की। शाखा विस्तार से लेकर संघ के पंचप्रण की भी बात की और कहा कि सामाजिक परिवर्तन के पांच आयाम सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण, नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाज में विभेद के विरुद्ध विमर्श खड़ा करना और समरसता के लिए निरंतर प्रयास करना इस संघ का लक्ष्य है। अस्पृश्यता समाज के लिए कलंक है। संघ इसे सामाजिक समरसता के जरिये मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कई संघ प्रचारकों से मोहन भागवत ने की व्यक्तिगत भेंट
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को निवेदिता शिक्षा बालिका इंटर कॉलेज में शाम के समय में कई संघ प्रचारकों से भेंट की। इस दौरान सभी से व्यक्तिगत भेंट के दौरान किसी से चार मिनट तो किसी से पांच मिनट की मुलाकात की। परिवार के कुशलक्षेम के साथ, दायित्व और शाखा विस्तार के सुझावों और उनके अनुभवों पर सवाल किए और राय भी पूछी। संघ प्रमुख ने संघ के शताब्दी वर्ष के आयोजनों की रूपरेखा पर भी चर्चा की। व्यापक कार्ययोजना पर काम करने के लिए उन्होंने कहा। संघ के कार्य विस्तार और कार्य की गुणात्मकता बढ़ाने की योजना पर भी उन्होंने प्रचारकों से जानकारी ली। कहा कि ग्राम-बस्तियों की परिस्थिति का अध्ययन कर वहां की समस्याओं के समाधान की दिशा में शाखा के स्वयंसेवक समाज को जोड़कर प्रयास करें।