10वीं मोहर्रम के बाद शुरू हुआ मजलिसों का दौर

10वीं मोहर्रम के बाद शुरू हुआ मजलिसों का दौर

वाराणसी (रणभेरी सं.)। वाराणसी में मोहर्रम की 10 तारीख बीतने के बाद अब मजलिसों का दौर शुरू हो गया है। शहर की दरगाह फातमान में जहां अशरा (दस दिन लगातार) शुरू हुआ। वहीं शहर के कई इलाकों में मजलिसों का खम्सा (5 दिन लगातार) शुरू हुआ। दरगाह फातमान में मौलाना जमीरूल हसन ने मजलिस को खेताब फरमाया और इमाम हुसैन के घर की औरतों को किस तरह यजीदी लश्कर कर्बला से शाम (जार्डन) लेकर पहुंचा था। वहीं अलग-लगा स्थानों पर अलग-अलग अंजुमनों ने नौहाख्वानी व मातम किया। मौलाना जमीरुल हसन ने पढ़ा- इमाम हुसैन की बहन जैनब और उनकी पत्नी के साथ ही साथ सभी औरतों को रस्सी से बांध दिया गया। साथ ही उनके बीमार बेटे सज्जाद के गले में टॉक और हाथों और पैरों में बेड़ियाँ डाल दी गयीं। इन्हे कर्बला से कूफा और फिर शाम ले जाया गया। रस्ते में कोई पूछता तो बताया जाता कि इन्होने वक़्त के बादशाह यजीद से बगावत की थी। ये उन्ही बागियों की औरते हैं। लोग उन्हें पत्थर मारते थे। कोई गर्म पानी फेकता था। लेकिन कभी उन्होंने किसी के लिए बद्दुआ नहीं की।

रोने लगे अजादार

दरगाह फातमान में इमाम हुसैन के घर की औरतों का मसायब सुनकर वहां मौजूद जायरीन जारो कतार रोने लगे। मौलाना ने पढ़ा इमाम हुसैन के घर की औरतें जब शाम (जार्डन) पहुंची तो उन्हें शाम के दरवाजे बाहर रोक दिया गया। शाम का बाजार सजाया गया। 700 लोगों को बुलाया गया और सभी को बताया गया कि ये बागियों की औरतें हैं। जिन्हे कर्बला में शहीद किया गया। ये सुनकर वहां मौजूद जारो कतार रोने लगे।

शहर के अलग-अलग इलाकों में हुई मजलिस-मातम

हाजी फरमान हैदर ने बताया कि शहर के भीखा शाह गली हाड़ा सराय में मौलाना तौसीफ अली रात मजलिस को खिताब करेंगे। काली महल हाजी बाबू के अजाखाने पर मौलाना जमीरुल हसन रात 8 बजे मजलिस को खिताब करेंगे। वहीं कच्ची सराय के इमामबाड़े में रात 9 बजे मौलाना बाकर बलियावी ने मजलिस को खिताब करेंगे। इसके अलावा अर्दली बाजार, चौहट्टा लाल खान, रामनगर , दालमंडी , दोषीपुरा आदि क्षेत्रों में भी इमाम हुसैन याद में मजलिसों का आयोजन हुआ। जिसमें अलग-अलग अंजुमनों ने नौहा मातम किया।