चाहे सोने के फ्रेम में मढ़ दो आईना झूठ बोलता ही नहीं
वाराणसी (रणभेरी)। नगर में जब भी कोई वीवीआईपी, वाराणसी के सांसद एवं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सहित कोई भी शहर में आता है तो उनकी यात्रा के दौरान अस्सी नदी को परदे से ढक कर उसे छुपाने का प्रयास किया जाता है । आखिर ऐसा क्यों किया जाता है अभी एक दिन पूर्व वाराणसी शहर का जन्मदिन मनाया गया। जिस शहर का नाम आसि नदी के नाम पर पड़ा हो वह आसि नद आज नाले में तब्दील हो गई है और इसके सबसे अधिक जिम्मेदार हमारा शासन प्रशासन और यहां की सरकार है। पहले तो वह नदियों में सीवर, नाला का पानी बहाते हैं और जब नदी पूरी तरह से प्रदूषित हो जाती है तो फिर उसके सफाई की चिंता करने लगते है और फिर जब भी कोई बाहर से आता है तो आसि नदी को परदे से उसे छुपाने का प्रयास किया जाता है कि बाहर से आने वाले देख मत ले की आसि नदी की स्थिति क्या है। आखिर पर्दे से ढकने की बज स्वच्छता के लिए प्रयास क्यों नहीं करते हैं आज य नदी अपनी अंतिम सांस गिन रही हैं। इस नदी को बचने का प्रयास नहो किया जा रहा है। जिला प्रशासन चाहे तो आसि नदी में गिरने वाले सीवर, नालों को बंद कराकर कुछ हद तक इसको प्रदूषण मुक्त कर सकता है लेकिन वह ऐसा करेंगे नहीं उनको तो बस सिर्फ अपने कर्मियों को परदे से छिपाना ही आता है।