जिसकी कथा सुनने बैठे हैं, वही करेगा घर की रखवाली
पं. प्रदीप मिश्रा की कथा का समापन, 15 लाख लोगों ने सुनी कथा, दान से 351 कमरों की धर्मशाला बनेगी
वाराणसी (रणभेरी सं.)। शिवमहापुराण कथा सुनने का मौका सौभाग्य वालों को मिलता है। कथा सुनने वालों से भगवान कहते हैं कि तुम जिसकी कथा सुनने बैठे हो, वही तुम्हारे घर की रखवाली करेगा। गंगापार डोमरी में आयोजित शिवमहापुराण कथा के सातवें और अंतिम दिन मंगलवार को सिहोर के कथावाचक पं. प्रदीप मिश्र ने ये बातें कहीं। उन्होंने शिवमहिमा का बखान किया। वहीं विदेश से आए यजमानों का परिचय भी मंच से कराया। कथा के समापन दिवस पर पं. प्रदीप मिश्र के साथ ह्यखुशी-खुशी कर दो विदा... की धुन पर पंडाल में बैठे भक्त भावविभोर हो गए। पं. मिश्र ने राजा सत्यकेतु की कहानी का वर्णन किया। देवर्षि नारद, उनकी बहन ऋषिका और भांजे पर्वत नंद की कथा को सुनाते हुए कहा कि जब कोई बहन अपने भाई को भोजन प्रेम से कराए तो उसका अत्यंत लाभ होता है। बहन के घर प्रसन्न मन से जाएं। उसको कुछ देकर आएं और देते समय हमेशा मुख पर प्रसन्नता हो। बहन, बेटी, गौमाता, संत-ब्राह्मण और भगवान शंकर को कुछ देने से हमेशा बढ़ता ही है। काशी के विकास पर चर्चा करते हुए पं. मिश्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी की चौड़ी सड़कें, नमो घाट इत्यादि के लिए साधुवाद दिया और दिव्य भव्य काशी को नमस्कार भी किया। मंच पर महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा के साथ आयोजन समिति के सदस्य संजय केसरी, संदीप केसरी, आत्मविश्वेश्वर, प्रदीप मानसिंहका, धीरज गुप्ता, महेंद्र चतुवेर्दी, संजय महेश्वरी, सीताराम अग्रहरि, निधि सिंह आदि थे।
खिला फूल ही भगवान पर चढ़ता
उन्होंने कहा कि भगवान ने मुस्कुराने की कला सिर्फ मनुष्यों को ही दी है। आपके चेहरे पर प्रसन्नता परमात्मा को भी खींच लाती है। कितना भी कष्ट हो चेहरे पर मुस्कान रखो। मंदिर भी जाओ तो प्रसन्न मुद्रा में जाओ। तब भगवान भी तुम्हें मुस्कुराने का आशीर्वाद देंगे, क्योंकि खिला हुआ फूल ही भगवान पर चढ़ता है। मुरझाया हुआ विसर्जित किया जाता है। उन्होंने कहा कि जो पूरी जिंदगी नहीं मुस्कुराता वो मरने के बाद फोटो में मुस्कुराये तो उसका क्या लाभ।
बेटी को जन्म होने पर सुधरती है स्थिति
पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जब कोई बहन अपने भाई को भोजन प्रेम से कराए तो उसका अत्यंत लाभ होता है। जब बहन के घर जाएं तो प्रसन्न मन से जाए और उसको कुछ देकर ही आएं। देते समय हमेशा मुख पर प्रसन्नता हो। उन्होंने कहा कि बहन, बेटी, गौ माता, संत, ब्राह्मण और भगवान शंकर को कुछ देने से कभी घटेगा नहीं बल्कि, तुम्हारा हमेशा बढ़ता ही जायेगा। घर में बेटा जन्म लेता है तो स्थिति नहीं सुधरती, लेकिन बेटी अगर जन्म लेती है तो पिता मालामाल होने लगता है।
दान से बनेगी 351 कमरों की धर्मशाला
वाराणसी। शिवमहापुराण कथा के अंतिम दिन मंच से घोषणा की गई कि यहां भक्तों के दिये दान से 351 कमरों की धर्मशाला और 5-6 बड़े कथा हॉल बनाए जाएंगे। धर्मशाला के कमरों में धाम में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी। इसी राशि से गौशाला और अस्पताल को उच्चीकृत कर गरीबों की सहायता की जाएगी।
महामंडलेश्वर ने जताया ग्रामवासियों का आभार
कथा संपन्न होने के बाद महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा ने आयोजन में सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार जताया। उन्होंने डोमरीवासियों को प्रणाम किया कि उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल दिए। कार्यक्रम की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों, सीधा प्रसारण करने वाले कर्मचारियों, केवट, स्थानीयजन के साथ उन्होंने सिहोर से आए कथावाचक पं. प्रदीप मिश्र का भी आभार जताया
जीते-जी काशी आओ
कथावाचक ने कहा कि जिसका हाथ भगवान शिव को पकड़ना होता है, उसे कथा स्थल पर खींचकर ले ही आते हैं। जो सात दिन तक पंडाल में कथा का श्रवण करता है उस पर तीन महीने में शिव कृपा अवश्य बरसती है। काशी की महिमा का बखान करते हुए कहा कि जब तक भोले बाबा न चाहे तब तक काशी धाम पर कोई नहीं आ सकता। काशी में मृत्यु के बाद आने से अच्छा है जीते-जी आओ। गारंटी है कि बाबा विश्वनाथ के चरणों में एक बार आने पर स्वर्ग का अनुभव पृथ्वी पर ही हो जायेगा।