नकली कफ सिरप के सवालों से घिरी सरकार, विधानसभा में अतुल प्रधान का तीखा विरोध
लखनऊ (रणभेरी): उत्तर प्रदेश विधानसभा परिसर में सोमवार को उस समय माहौल गर्मा गया, जब मेरठ की सरधना विधानसभा सीट से विधायक अतुल प्रधान ने नकली कोडीन कफ सिरप के कथित नेटवर्क को लेकर सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता के नज़दीकी कुछ लोगों के संरक्षण में नशीले कफ सिरप का कारोबार पनप रहा है और इसकी निष्पक्ष जांच अब टाली नहीं जा सकती।
विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान अतुल प्रधान ने नकली दवाओं का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कोडीन कफ सिरप के नाम पर युवाओं की ज़िंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस कांड में शामिल हर व्यक्ति की गहराई से जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। विधायक ने सदन में यह भी कहा कि जिन लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, उन्हें जनता पहचान चुकी है।
विधान सभा में अतुल प्रधान ने उप मुख्यमंत्री ब्रिजेश पाठक के साथ सिरप माफिया विभोर राणा की तस्वीर दिखाकर सरकार पर खुला संरक्षण देना का आरोप लगाया
सरकार के रवैये पर असंतोष जताते हुए अतुल प्रधान ने इस विषय पर सदन से वॉकआउट किया। उनका कहना था कि जब तक सरकार सच्चाई सामने लाने को तैयार नहीं होती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि नशीले कफ सिरप की सबसे अधिक आपूर्ति एक खास व्यक्ति, विभोर राणा, को किसके निर्देश पर की जा रही थी।
विधायक ने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले में कुछ नेताओं की विशेष कृपा और आपसी मिलीभगत के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग को की गई आपूर्ति से जुड़े प्रमाण अब सार्वजनिक हो रहे हैं, जो पूरे प्रकरण की गंभीरता को उजागर करते हैं। इस घटनाक्रम ने सदन से लेकर राजनीतिक गलियारों तक नई बहस को जन्म दे दिया है। नकली दवाओं और नशीले पदार्थों के बढ़ते खतरे को लेकर जनता में पहले से ही चिंता है। अब सबकी निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि वह इस मामले में कितनी पारदर्शिता दिखाती है और आमजन के स्वास्थ्य के साथ न्याय के लिए क्या ठोस कदम उठाती है।











