संकटमोचन के महंत आवास के कर्मचारियों का काला सच

- पुलिस की फिल्मी मुठभेड़ में खुलासा, कर्मचारी ने ही खेला था चोरी का सनसनीखेज खेल
- तीन बदमाश के पैर में गोली लगने से हुआ घायल, कुल 6 कर्मचारी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
- सभी चोरों की एक ही सीन, सभी के पास बैग में रखे चोरी के सामान, जेब से एक-एक कारतूस, मोबाइल फोन और नगद बरामद
वाराणसी (रणभेरी): रामनगर इलाके में मंगलवार की आधी रात एक फिल्मी सीन सा नजारा देखने को मिला, जब पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने एक गद्दार चोर गिरोह के साथ मुठभेड़ में छह बदमाशों को धर दबोचा। इस मुठभेड़ में तीन चोरों को गोली लगी, जबकि बाकी तीन को पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा। चौंकाने वाली बात यह है कि ये बदमाश कोई और नहीं, बल्कि संकटमोचन मंदिर के महंत विश्वंभर नाथ मिश्र के आवास पर काम करने वाले कर्मचारी निकले, जिन्होंने अपने ही मालिक के घर को निशाना बनाया था।
मामला रविवार का है, जब महंत विश्वंभर नाथ मिश्र निजी काम से दिल्ली गए थे। उनके तुलसीघाट स्थित घर में उस समय केवल तीन नौकर मौजूद थे। मौके का फायदा उठाकर चोरों ने मुख्य द्वार से घर में प्रवेश किया और लॉकर व अलमारी तोड़कर करीब एक करोड़ रुपये के पुश्तैनी हीरे, माणिक, सोने के गहने और तीन लाख रुपये नकद चुरा लिए। यह नकदी मंदिर के चढ़ावे की थी। चोरी की वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसने पुलिस को अहम सुराग दिए। चालाकी से चोरों ने अपना चेहरा छिपाने की कोशिश की, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में उनकी पहचान हो गई। पुलिस ने तुरंत सर्विलांस और एसओजी को सक्रिय किया। मंगलवार रात करीब एक बजे रामनगर के डोमरी इलाके में पुलिस ने घेराबंदी की, जहां चोर चोरी के माल का बंटवारा करने की फिराक में थे। जैसे ही पुलिस ने उन्हें घेरा, बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें तीन बदमाशों के पैर में गोली लगी। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जबकि तीन अन्य को मौके से दबोच लिया गया। एक बदमाश भागने में कामयाब रहा, जिसकी तलाश जारी है। मुठभेड़ के बाद डीसीपी गौरव बंसवाल और एडीसीपी सरवणन टी. मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए, और पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने भी महंत से मुलाकात कर मामले की गहन जांच के आदेश दिए। एसओजी प्रभारी मनीष मिश्रा, रामनगर इंस्पेक्टर राजू सिंह और भेलूपुर इंस्पेक्टर गोपालजी कुशवाहा की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
बिहार और यूपी के हैं चोरी में शामिल सभी कर्मचारी
गिरफ्तार बदमाश विक्की तिवारी निवासी अमो थाना चैनपुर जिला कैमूर भभुआ, जितेंद्र सिंह उर्फ गोलू पटेल अमावस चैनपुर कैमूर भभुआ ,राकेश दुबे अमाउंट थाना चैनपुर जिला कैमूर भभुआ बिहार , दिलीप उर्फ बंसी चौबे निवासी भगवानपुर थाना लंका वाराणसी, अतुल शुक्ला फुलवा मऊ थाना राधा नगर जिला फतेहपुर, शनि निवासी नारायणपुर दुबे थाना खानपुर जिला देवरिया हैं। इनके पास से एक तमंचा, कारतूस, करोड़ों के चोरी का माल, नकदी बरामद हुई। एनकाउंटर की सूचना मिलते ही डीसीपी काशी गौरव बंसवाल और एडीसीपी काशी सरवणन टी. मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया।
पुलिस ने 140 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला
डीसीपी काशी गौरव बंसवाल ने बताया पुलिस ने महंत विश्वम्भर नाथ मिश्र के आवास और आसपास लगे करीब 140 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। चोरी से पहले बदमाशों ने घाट पर बैठकर प्लानिंग की थी। इस दौरान तीन कर्मचारी सीसीटीवी कैमरे दिखे। रात में रामनगर क्षेत्र में बदमाशों के होने की सूचना मिली। मंगलवार रात एक बजे एसओजी और पुलिस टीम ने कोदोपुर में बदमाशों को घेर लिया। बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में तीन आरोपियों राकेश दुबे, विक्की तिवारी और गोलू पटेल के पैर में गोली लग गई, जबकि तीन आरोपी दिलीप, अतुल और शनि को पुलिस टीम ने दौड़ाकर पकड़ लिया। एक आरोपी सुरेंद्र अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया।
महंत के घर की सुरक्षा पर सवाल
यह पहली बार नहीं है जब महंत के घर को निशाना बनाया गया। 2010 में भी तुलसीदास की लिखी एक पांडुलिपि चोरी हुई थी, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया था। हाल ही में भी घर में ताला तोड़ने की कोशिश हुई थी, लेकिन तब कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई। इस बार चोरी की साजिश में घर के ही कर्मचारियों का शामिल होना चौंकाने वाला है। पुलिस को शक है कि चोरों को घर की पूरी जानकारी थी, जिसने उनकी सेंधमारी को आसान बनाया।
अपनों ने किया विश्वासघात
यह घटना न केवल वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि विश्वास के नाम पर घर में काम करने वाले लोग ही कैसे विश्वासघात कर सकते हैं। पुलिस अब उस फरार बदमाश की तलाश में जुटी है, और चोरी के शेष माल को बरामद करने के लिए छापेमारी कर रही है। वाराणसी की इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे शहर में हलचल मचा दी है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने की बात
संकट मोचन मंदिर के महत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्रा के घर चोरी की घटना की जानकारी के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने प्रतिनिधि किशन दीक्षित को उनके घर पर भेजा। वहां किशन दीक्षित ने मोबाइल से महंत की अखिलेश यादव से बात करवाई। अखिलेश ने महंत को सांत्वना दी और आश्वासन दिया कि वह स्वयं अधिकारियों से बात कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
घर के नौकरों पर महंत ने जताया था शक
पुलिस का कहना है कि जिस तरह से चोर आए और आराम से सारा सामान समेटकर झोला लेकर चले गए, उससे घटना में किसी जानकार के शामिल होने का संदेह है। घर में लगे सीसीटीवी को चेक किया गया। इसमें तीन लोग झोला लेकर जाते हुए दिख रहे हैं। उनमें से एक पुराना नौकर भी है, जिसे चार साल पहले चोरी के कारण निकाल दिया गया था। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल भी मंगलवार की शाम महंत आवास पर पहुंचे थे। उन्होंने महंत वीके मिश्रा से पूरी वारदात की जानकारी ली, उनसे इस पर गहन पड़ताल की थी। इसके बाद अधीनस्थों को 24 घंटे में खुलासे का अल्टीमेटम दिया था जिसके बाद 4 टीमें बनाई गई थीं।
पत्नी को लेकर दिल्ली गए थे महंत
महंत के पीआरओ अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि महंत विश्वंभर नाथ मिश्र का घर तुलसीघाट पर है। घर में तीन नौकर हैं। घटना के वक्त महंत अपनी पत्नी आभा का इलाज कराने के लिए दिल्ली गए थे। प्रो. मिश्र सोमवार को दिल्ली से काशी लौट रहे थे। दोपहर 12 बजे रास्ते में उनकी पत्नी आभा मिश्र का फोन आया। उन्होंने बताया कि तुलसीघाट से सूरज ने फोन कर बताया है कि घर की पहली मंजिल के कमरे का दरवाजा खुला है। दोपहर लगभग एक बजे महंत घर पहुंचे तो कमरे की कुंडी टूटी मिली, अलमारी खुली थी। अलमारी में रखे करीब एक करोड़ रुपए के आभूषण और तीन लाख रुपए नकद गायब थे। चोरी हुआ पैसा मंदिर के चढ़ावे का था। इसके अलावा महंत की तीन पीढ़ियों के खानदानी गहने भी गायब थे।