BHU दीक्षांत समारोह: मेडल मिलते ही मेधावियों केचेहरे पर चमकी सोने सी आभा
दीक्षांत समारोह में 91 विद्यार्थियों में को मिला स्वर्ण पदक, 37 हजार से अधिक को उपाधियां
(रणभेरी): बीएचयू में 102वें दीक्षांत समारोह में मेधा को सम्मानित किया जा रहा है। 91 मेधावियों को चांसलर, स्व. महाराजा विभूति नारायण सिंह गोल्ड और BHU मेडल दिए गए। इसके अलावा, 37896 छात्रों को उपाधियां दी जा रहीं हैं। इस साल 3 एकेडमिक सेशन के छात्रों को एक साथ उपाधि मिल रही है। इस साल के पासआउट 4 मेधावियों को चांसलर मेडल, 4 गोल्ड और 31 BHU मेडल दिए गए। वहीं, बीते 2 सत्रों में 7 को चांसलर, 7 को गोल्ड और 60 मेधावियों को BHU मेडल मंच से दिए गए। सबसे बड़ी बात कि तीनों सत्रों को मिलाकर धर्म विज्ञान के खाते में कुल 8 चांसलर मेडल आए हैं।
स्वतंत्रता भवन में सुबह 10 बजे से समारोह की शुरुआत हुई जिसमें मुख्य अतिथि भारतीय मूल के अमेरिकी बिजनेस प्रोफेशनल पालो आल्टो के CEO निकेश अरोड़ा रहे। उन्होंने कहा,''आजकल मां-बाप बेटे के रिस्क लेने की क्षमता कम कर रहे हैं। बचपन में बच्चों को सिखाते थे कि बेटा इसको मत छुओ। बेटा सड़क पार करने से पहले बाईं ओर, फिर दाएं देखो। वे हमे रिस्क मैनेजमेंट सिखाते थे। मगर, बड़े होने पर बेटा सेटकार्यक्रम में 37 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को उपाधियां दी जा रही हैं। आज स्विगी, जोमैटो, बायजू, ओयो और ओला आदि कंपनियों ने रिस्क लिया, तब इस स्तर पर वे काम कर रहे हैं। लाइफ का यही फंडा है 'नो रिस्क, नो रिटर्न'।'' निकेश अरोड़ा ने कहा,''उन्होंने BHU से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में B-Tech किया था, मगर आज वह दुनिया के सबसे बड़े साइबर सिक्योरिटी कंपनी के CEO हैं। यह सब कुछ रिस्क लेने और टाइम-टाइम पर सीखते रहने से हुआ है।'
विश्वविद्यालय में वर्ष 2019 के बाद से दीक्षांत समारोह का आयोजन कोरोना संक्रमण की वजह से नहीं हो पाया था। अब जब स्थिति सामान्य हुई है तो तीन साल का समारोह एक साथ मनाया जा रहा है। शुक्रवार को स्वतंत्रता भवन के साथ ही परिसर के संकायों, विभागों में समारोह की तैयारियां देर शाम तक चलतीं रहीं। विश्वविद्यालय की ओर से पदक पाने वालाें की सूची जारी की गई है। इसमें 11 चांसलर मेडल पाने वालों में सात छात्र संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के हैं। इसके अलावा कुल 91 पदक पाने वालों में 63 बेटियों के नाम हैं।
देश का तीसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय
भारतरत्न पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1916 में दुनिया के सबसे बड़े शिक्षा संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की नींव डाली थी। आज नॉर्थ और साउथ कैंपस को मिलाकर कुल 4 हजार एकड़ में फैला यह दुनिया का सबसे बड़ा एलुमनी नेटवर्क वाला विश्वविद्यालय है। यहां पर करीब 15 लाख से ज्यादा छात्र अब तक पास आउट हो चुके हैं। एरिया के हिसाब से BHU अब देश का तीसरा और यूपी का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। आज यही BHU अपना 102वां दीक्षांत समारोह मना रहा है।