निर्जला एकादशी पर निकाली गई काशी विश्वनाथ की वार्षिक कलश यात्रा, हर- हर महादेव के लगे नारे

वाराणसी (रणभेरी): शुक्रवार, 6 जून 2025 को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस एकादशी को निर्जला और भीमसेनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। वहीं वाराणसी में काशी विश्वनाथ वार्षिक कलश यात्रा निकाली गई। यात्रा काशी मोक्षदाययनी सेवा समिति की तरफ से सुबह 7 बजे राजेंद्र प्रसाद घाट से निकाली गई, जो बाबा विश्वनाथ मंदिर गेट नंबर चार पर आ कर समाप्त हुई।
इस बार यात्रा ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित रही। इसमें हजारों महिलाएं सिर पर जल से भरा कलश और तिरंगा झंडा हाथ में लेकर निकलीं।वहीं हर- हर महादेव के जयकारे से पूरा इलाका गूंजता रहा। इसके बाद सिंधु समेत चिनाब, रीवा, मानसरोवर और गंगा नदी के जल से बाबा का अभिषेक हुआ। इस दौरान पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी के साथ निधि अग्रवाल, दिलीप सिंह व अन्य लोग मौजूद रहे।
निर्जला एकादशी वाले दिन व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित होता है। एकादशी पर पूरे दिन व्रत रखते हुए विष्णु जी का नाम और उनके मंत्रों का जाप करने का विशेष महत्व होता है।