घटता जलस्तर बढ़ा रही दुश्वारियां
एक सेमी हर घंटे कम हो रहा गंगा का पानी, तटवर्ती इलाकों के लोगो की मुश्किलें बरकरार
वाराणसी (रणभेरी सं.)। महादेव की नगरी काशी में गंगा नदी का कहर जारी है। गंगा चेतावनी बिंदु को पार बह रही हैं। हालांकि,17 सितंबर की शाम 6 बजे से गंगा का जलस्तर घटने लगा हैं। जिससे घाट किनारे रहने वालों ने राहत की सांस ली हैं। वाराणसी में सभी घाट डूबने के बाद अब तटवर्ती इलाको में लोगो के घरों तक गंगा का पानी पहुंच गया है। वहीं बनारस के गलियों में भी गंगा ने पैर पसार लिया है। गंगा का पानी बढ़ने के बाद अभी गलियों में नाव भी चल रही है।
गंगा के अलावा वरुणा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में दुश्वारियां बरकरार हैं। इन इलाकों में मच्छर नई मुसीबत बन चले हैं। वरुणा की बाढ़ से घिरे कोनिया, रसूलगढ़, सलारपुर, मीरा घाट (नक्खी घाट), शक्कर तालाब, सरैयां, धोबी और ताड़ी घाट के लगभग 600 घरों की बिजली आपूर्ति रोक दी गई है। गंगा के तटवर्ती सामने घाट के गंगोत्री विहार कॉलोनी की मोड़ से लेकर लेन नं.-एक तक 25 घरों तक पानी नगवां नाला के जरिए पहुंच गया है। संगमपुरी कॉलोनी में रामायण त्रिपाठी के घर से झगड़ू राजभर के घर तक पानी पहुंचा है। नगवा हरिजन बस्ती, महेश नगर कॉलोनी में अघोर आश्रम, सामने घाट साई मंदिर के आगे पानी धीरे-धीरे बढ़ रहा था। सीरगोवर्धनपुर से काशीपुरम, मारुति नगर, गायत्री नगर, शिवाजी नगर, रत्नाकर विहार, पटेल नगर आदि इलाकों से छह पंपों के जरिए बाढ़ का पानी निकाला जा रहा है। उधर, रमना इलाके में 70 एकड़ से अधिक फसल जलमग्न हो गई है। रमना के पूरब ताल की ओर से पानी पुराने पीपल तक पहुंच गया है। उधर, शिवपुर क्षेत्र में वरुणा किनारे दनियालपुर और पिसौर गांव का कुछ हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है। मुन्ना पटेल, हौसला पटेल, रामाश्रय पटेल, रामअचल पटेल, कविता देवी ने बताया कि नदी किनारे लगी भिंडी, पालक, मूली और बोड़ा की सब्जियां डूब गईं।
घट रहा गंगा का जलस्तर
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर दोपहर 2 बजे 70.55 मीटर है जिसमे 1 सेमी प्रति घंटा की दर से कमी दर्ज की जा रही है। जनपद वाराणसी में गंगा नदी का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है, खतरे का बिंदु 71.26 मीटर है व एचएफएल 73.90 मीटर है । वर्तमान में गंगा नदी चेतावनी बिंदु से 29 सेमी ऊपर है एवं खतरे के बिंदु से 71 सेमी नीचे है।
448 परिवार रह रहे राहत शिविरों में
बाढ़ राहत शिविरो में वर्तमान में 448 परिवार के 2860 लोग निवास कर रहे हैं, अवश्यकतानुसार और बाढ़ राहत शिविर को क्रियाशील कर दिया जाएगा। उक्त बाढ़ राहत शिविरो में निवास कर रहे व्यक्तियों एवं परिवारों हेतु स्वच्छ ताजा गर्म भोजन, फल, दूध, पेयजल के साथ साथ समस्त मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ राहत शिविर में मेडिकल कैम्प स्थापित किया गया है जिसमें बाढ़ पीड़ितों का स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा शिविरो में फॉगिन कराई जा रही है।
जल पुलिस और एनडीआरएफ को किया गया अलर्ट
लोगों को बाढ़ क्षेत्र से निकालने के लिए जल पुलिस, एनडीआरएफ के साथ 12 नावों को भी लगाया गया है। जो लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगो को रेस्क्यू कर बाहर सुरक्षित स्थानों तक ले जा रही है। इसके अलावा 24 घंटे कंट्रोल रूम भी एक्टिव है।