संत कभी नही करते मोक्ष की कामना : बालव्यास

संत कभी नही करते मोक्ष की कामना : बालव्यास

वाराणसी (रणभेरी सं.)। प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पं. श्रीकांत शर्मा 'बालव्यास' ने कहा कि संत - महात्मा सदैव मुक्ति का मार्ग बतलाते है, परन्तु संत स्वयं कभी मोक्ष की कामना नही करते क्योंकि यदि उन्हें मोक्ष हो गया तो इस मृत्युलोक में सही मार्ग बतलाने वाला कौन शेष रहेगा। संत जब तक इस धरा को ही स्वर्ग नही बना देंगे तब तक बैकुंठ नही जाएंगे। पण्डित मदन मोहन मालवीय का उदाहरण देते हुए बालव्यास ने बताया कि जीवन के अंतिम क्षणों में जब उनके शिष्य ने उन्हें काशी क्षेत्र मे चलने को कहा ताकि सीधा मोक्ष प्राप्त हो सके, तब मालवीय जी ने कहा कि उन्हें मोक्ष की कामना नही है, वें जन्म जन्म तक काशी की सेवा करना चाहते है इसलिए वह इस विश्वविद्यालय प्रांगण में ही देह त्याग करेंगे। 

श्रीकाशी सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में गोलोकवासी परमेश्वर लाल धानुका की स्मृति में महमूरगंज स्थित शुभम लॉन में हो रही दस दिवसीय के चौथे दिन गुरुवार को पं. श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने प्रभु श्रीराम जन्म के उपरांत की मनमोहक कथाओं का वर्णन करते हुए कहा कि राम के जन्म लेते ही पूरी अयोध्या उत्सव में डूब गई, हर कोई बस अपने प्रभु की एक झलक देखने मात्र को आतुर हो गया। गुरु वशिष्ठ जब मंत्रोच्चार से राम को आशीर्वाद देने पहुँचे तो प्रभु के सौंदर्य को देख इतना मुग्ध हो गए कि मंत्र पढ़ना ही भूल गए। उन्होंने कहा कि राम सिर्फ अयोध्या के राजा नही है वें जन जन के दुखों को दूर करने वाले महाराज है। जिनके हृदय में प्रभु के लिए प्रेम भरा है, प्रभु के प्रति भक्ति है, अनुराग है तो सारा जीवन सत्यनिष्ठा से व्यतीत हो जायेगा, इसमें कोई संशय नही है।

धानुका परिवार ने किया व्यासपीठ का पूजन

कथा का शुभारंभ व्यासपीठ के पूजन से हुआ। कथा यजमान दुर्गा देवी धानुका, गणपत राय धानुका, किरण धानुका, गौरीशंकर धानुका, वर्षा धानुका, अंकित धानुका, श्रेया धानुका, वंशिका धानुका, विदुषी धानुका ने साविधि व्यासपीठ का पूजन किया। मंच संचालन महेश चौधरी ने किया। कथा मे काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा विशिष्ट रूप से उपस्थित रहे।

आरती में मुख्य रूप से विनोद कुमार डिडवानिया, राजकुमार भावसिंहका, गंगा धानुका, माणिक चंद धानुका, राधेगोविन्द केजरीवाल, अनूप सराफ, सुरेश तुलस्यान, आनंद स्वरूप अग्रवाल, दिलीप बांका, मनीष गिनोडीया, आयुष मुरारका, कृष्ण कुमार काबरा, श्रवण लोहिया, श्वेता अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, आकाश शर्मा कोलकाता आदि शामिल हुए।