प्रधानमंत्री के भाई पंकज मोदी ने काशी में किया मां हीराबेन का पिंडदान, पूर्वजों का किया गया तर्पण
वाराणसी (रणभेरी): प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार को काशी के दशाश्वमेध घाट पर पिंडदान किया गया। गंगा तट पर पीएम के छोटे भाई पंकज मोदी ने विधि-विधान से पिंडदान के अनुष्ठान पूर्ण किए। गंगा के तट पर अनुष्ठान के दौरान उन्होंने अपनी माता की आत्मा की शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की। बीते साल 30 दिसंबर को हीराबेन ने 100 की उम्र में अंतिम सांस ली थीं।
शुक्रवार शाम पंकज मोदी दशाश्वमेध घाट पर मां हीराबेन के पिंडदान के लिए पहुंचे। तीर्थ पुरोहित राजू झा ने विधि-विधान से अनुष्ठान को पूर्ण कराया। इस दौरान पंकज मोदी कई बार भावुक नजर आए। हीरा बेन के आत्मा की शांति के लिए पंकज मोदी ने नम आंखों से मां गंगा से प्रार्थना की। इसके बाद उन्होंने गंगा सेवा निधि की ओर से होने वाली गंगा आरती में अपनी मां के लिए विशेष पूजन भी किया। मां गंगा की आरती भी उतारी और मां हीराबेन के संकल्पों का स्मरण किया।
इससे पहले 7 जनवरी को स्वर्गीय हीराबेन की अस्थियां हरिद्वार में विसर्जित की गईं थी। प्रधानमंत्री के भाई पंकज मोदी परिवार के कुछ सदस्यों के साथ हरिद्वार में पूजा करके अस्थियों का विसर्जन किया था। हालांकि, वाराणसी में विधि-विधान से सभी संस्कार पूरे किए। पंकज मोदी के आने की सूचना पर पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा 31 दिसंबर सुबह 9:26 बजे पंचतत्व में विलीन हो गईं। नरेंद्र मोदी ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम सफर के दौरान वे मां की पार्थिव देह कंधे पर लेकर गांधी नगर स्थित घर से निकले। यात्रा के दौरान वे शव वाहन में ही पार्थिव देह के करीब बैठे रहे। मुखाग्नि के दौरान वे मां को एक टक निहारते रहे। पीएम मोदी अपनी मां हीराबेन से कितना प्यार करते हैं और उन्हें अपनी जिंदगी में कितना अहम मानते हैं, ये किसी से नहीं छुपा। उन्होंने घर भले ही छोटी उम्र में छोड़ दिया, लेकिन मां के स्नेह और दुलार से दूर नहीं हुए। आज तक ऐसा कोई खास मौका नहीं गया, जिसमें उन्होंने अपनी मां का आशीर्वाद न लिया हो