काशी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में छात्रों का धरना: We Want Justice के गूंजे नारे, गेट पर तनाव और पुलिस से झड़प

काशी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में छात्रों का धरना: We Want Justice के गूंजे नारे, गेट पर तनाव और पुलिस से झड़प

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी-प्रयागराज हाईवे पर स्थित काशी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KIT) के मुख्य गेट पर सोमवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। सुबह से ही सैकड़ों छात्र-छात्राएं कॉलेज गेट पर धरने पर बैठ गए और फीस वृद्धि, परीक्षा प्रणाली तथा हॉस्टल की अव्यवस्थाओं को लेकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के चलते पूरे दिन परिसर का माहौल तनावपूर्ण बना रहा।

छात्रों का आरोप है कि प्रवेश के समय कॉलेज प्रशासन ने संस्थान को ऑटोनॉमस बताकर एडमिशन कराया था, लेकिन अब परीक्षाएं डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) के अंतर्गत कराई जा रही हैं। छात्रों का कहना है कि ऑटोनॉमस कॉलेजों में परीक्षा केंद्र उसी परिसर में होता है, जबकि KIT के छात्रों को बाहरी केंद्रों पर भेजा जा रहा है। इससे उन्हें न सिर्फ असुविधा हो रही है, बल्कि अतिरिक्त खर्च और मानसिक दबाव भी झेलना पड़ रहा है।

धरने पर बैठे छात्रों ने We Want Justice और KIT हाय-हाय जैसे नारे लगाए। उनका आरोप है कि बिना किसी स्पष्ट सूचना के फीस में मनमानी बढ़ोतरी की गई है। कई कोर्स और प्रैक्टिकल अधूरे हैं, इसके बावजूद परीक्षाएं कराई जा रही हैं। छात्रों ने यह भी कहा कि छोटी-छोटी बातों पर भारी जुर्माना लगाया जाता है, जिससे वे आर्थिक रूप से परेशान हैं। छात्रों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।

स्थिति को बिगड़ते देख कॉलेज प्रबंधन ने सोमवार को सभी कक्षाएं रद्द करते हुए परिसर में छुट्टी घोषित कर दी। हालांकि, छात्रों का आरोप है कि इस संबंध में कहीं कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। उनका कहना है कि कॉलेज प्रशासन छात्रों की आवाज दबाने के लिए मनमाने ढंग से संस्थान बंद कर रहा है।

छात्रों के प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। थानाध्यक्ष ने छात्रों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वे कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ विधिक कार्रवाई और पूर्व की परीक्षा प्रणाली लागू करने की मांग पर अड़े रहे। पुलिस की मौजूदगी में भी छात्र शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर डटे रहे।

फिलहाल, कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।