पीएम मोदी ने किया गोबर धन प्लांट का लोकार्पण, कहा- समय के साथ इंदौर बदला, ज्यादा अच्छे के लिए बदला
(रणभेरी): देश में बायो गैस को प्रोत्साहित करने के उद्येश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इंदौर में बने एशिया के सबसे बड़े गोबर धन प्लांट का उद्घाटन किया। इस गोबर धन प्लांट से इंदौर शहर को ठोस अवशिष्ट पदार्थ को बायो गैस में बदला जाएगा जिससे ऊर्जी की प्राप्ति होगी। इंदौर शहर में बनकर तैयार हुए इस बायो-सीएनजी प्लांट का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली किया। 150 करोड़ की लागत से बना यह प्लांट प्रतिदिन 550 मीट्रिक टन गीले कचरे का निपटान होगा।
इस दौरान पीएम ने कहा कि, समय के साथ इंदौर बदला। ज्यादा अच्छे के लिए बदला। लेकिन, देवी अहिल्या जी की प्रेरणा को इंदौर ने कभी भी खोने नहीं दिया। देवी अहिल्या जी के साथ ही इंदौर का नाम आते ही आज मन में स्वच्छता आती है। इंदौर का नाम आते ही नागरिक कर्तव्य मन में आता है। जितने अच्छे इंदौर के लोग होते हैं, उतना ही अच्छा उन्होंने अपने शहर को बना दिया है। इंदौर के कचरे और पशुधन से गोबर धन और इससे स्वच्छता धन और फिर ऊर्जा धन बनेगा। देश के अन्य शहरों और गांवों में भी इस तरह के प्लांट बन रहे है. इससे पशुपालकों को गोबर से आय हो रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि इंदौर के लोग सिर्फ सेव के शौकीन नहीं है। यहां के लोगों को अपने शहर की सेवा करना भी आता है। आज का दिन स्वच्छता के लिए है। इंदौर के अभियान को एक नई ताकत देने वाला है। इंदौर को आज गीले कचरे से बायोसीएनजी बनाने का जो गोबर धन प्लांट मिला है, उसके लिए आप सभी को बहुत बहुत बधाई।
पीएम मोदी ने इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि, शिवराज और उनकी टीम के सदस्यों की तारीफ करना चाहूंगा, जो उन्होंने कम समय में इसे संभव बनाया। सुमित्रा ताई का भी आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जिन्होंने इंदौर की पहचान को नई ऊंचाई को पहुंचाया। शंकर लालवानी भी उनके नक्शे-कदम पर इंदौर को आगे बढ़ाने, बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
इस दौरान पीएम ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, मुझे खुशी है कि काशी विश्वनाथ धाम में देवी अहिल्या बाई होल्कर जी की बहुत सुंदर प्रतिमा रखी गई है। इंदौर के लोग जब बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने जाएंगे, तो वहां देवी अहिल्या बाई की मूर्ति भी दर्शन के लिए मिलेगी। आपको अपने शहर पर और भी गर्व होगा।
जाने गोबर धन परियोजना
इस योजना के तहत पशुओं के अपशिष्ट, पत्तियों और अन्य ठोस कचरे को कम्पोस्ट, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में बदला जाएगा. इस योजना के तहत कई गांवों में कई प्लांट लगाए जाएंगे. इन बायो प्लांटों को ग्रामीण परिवार, ग्रामीण परिवारों का समूह सरकार की मदद से स्थापित कर सकता है. ठोस कचरे का प्रबंधन कर स्वच्छ ऊर्जा की प्राप्त इस परियोजना का मुख्य उद्येश्य है. योजना के तहत सरकार किसानों से गोबर खरीद कर उसे खाद, बायो-गैस और बायो-सीएनजी में परिवर्तित करेगी.