आसाराम को यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास, अहमदाबाद के आश्रम में शिष्या को बनाया था हवस का शिकार
(रणभेरी): जोधपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को दुष्कर्म मामले में गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा हो गई है। गांधीनगर सत्र न्यायालय ने स्वयंभू संत आसाराम को एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अहमदाबाद के आश्रम में शिष्या को हवस का शिकार बनाने वाले आसाराम को अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया था। मंगलवार को सजा पर बहस के बाद कोर्ट ने आस्था की आड़ में अस्मत लूटने वाले आसाराम को सजा सुनाई।
इस मामले में कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली थी। आसाराम बापू द्वारा महिला शिष्या के साथ दुष्कर्म करने के मामले में गांधीनगर की अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली थी। अभियोजन पक्ष ने अपनी दलीलों में आरोपी आसाराम बापू को उम्रकैद देने की मांग की है। साथ ही कहा कि आरोपी आदतन अपराधी है और उस पर भारी जुर्माना भी लगाने की मांग की है। बता दें कि अदालत इस मामले में दोपहर साढ़े तीन बजे फैसला सुनाएगी। आसाराम बापू एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने साल 2013 में एक महिला से दुष्कर्म के मामले में आसाराम बापू को दोषी ठहराया है। आरोप है कि आसाराम बापू ने साल 2001 से 2006 के बीच महिला शिष्या के आश्रम में रहने के दौरान उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था। गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ सोमवार को सुनवाई पूर कर ली और आईपीसी की धारा 376 , 377, 342, 354, 357 और 506 के तहत दोषी पाया है। कोर्ट ने महिला से दुष्कर्म के मामले में छह अन्य आरोपियों, जिनमें आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, उनकी बेटी और चार अन्य शिष्यों को बरी कर दिया है।