शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन: महागौरी, मंगला गौरी और मां अन्नपूर्णा की पूजा, जयकारों से गूंजा प्रांगण

शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन: महागौरी, मंगला गौरी और मां अन्नपूर्णा की पूजा,  जयकारों से गूंजा प्रांगण

वाराणसी (रणभेरी): शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन आज मां भगवती के आठवें स्वरूप देवी महागौरी की पूजा की जा रही है। मान्यता है कि देवी महागौरी की कृपा से धन-संपदा, सौंदर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वह अक्षत सुहाग और पवित्रता की प्रतीक मानी जाती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव द्वारा गंगाजल से स्नान कराने पर मां काली का स्वरूप उज्ज्वल होकर महागौरी कहलाया।

काशी में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

नवरात्रि के अवसर पर आज काशी के प्रमुख मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। पंचगंगा घाट स्थित मंगला गौरी मंदिर और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है। भक्तजन माता के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।

मां अन्नपूर्णा का विशेष महत्व

मान्यता है कि मां अन्नपूर्णा को देवी पार्वती का ही अन्नदान करने वाला स्वरूप माना जाता है। पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, जब धरती पर भयंकर अकाल पड़ा था, तब भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी। उस समय देवी ने प्रकट होकर उन्हें अन्न दान दिया और वचन दिया कि काशी में कोई भूखा नहीं रहेगा। तभी से काशी में मां अन्नपूर्णा की विशेष पूजा-अर्चना होती है।

मंगला गौरी के दर्शन से मिलता है अखंड सौभाग्य

मंगला गौरी मंदिर के महंत ने बताया कि मां महागौरी की पूजा ‘सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके…’ मंत्र से करनी चाहिए। विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है। वहीं, जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा या जिनकी कुंडली में मंगलदोष है, वे सावन से लगातार 14 मंगलवार तक मां मंगला गौरी की पूजा, अन्नदान और दीपदान करें। मान्यता है कि मां सभी बाधाओं को दूर कर जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती हैं।