माता-पिता में विवाद, खेलने की उम्र में खाना बनाने लगीं बेटियां- दो की मौत
गोरखपुर । क्षेत्र के बैदौली बाबू गांव में दो बहनें पलक और प्रीत की मौत से आस-पास के लोग गमगीन हैं। अभी भी सबसे छोटी बच्ची का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। चिकित्सकों की टीम अपनी नजर रखे हुए हैं। उनका कहना है कि किशोरियों के माता-पिता ने 13 साल पहले लव मैरिज की थी। कुछ ही साल बाद दोनों के बीच झगड़ा होने लगा। तीन साल पहले सास, ससुर और देवर भी इनसे अलग हो गए थे। झगड़े के बीच किशोरियां खेलने-कूदने की उम्र में घर में खाना बनाने लगीं। गांव के लोगों का कहना है कि परिवार के झगड़े में बच्चों की तरफ जरा भी ध्यान नहीं दिया गया। जानकारी के अनुसार, इलाके एक प्राइवेट स्कूल में पलक कक्षा चार, प्रीत कक्षा दो में पढ़ती थी। अप्सरा यूकेजी में पढ़ती है। उसी स्कूल में मां लक्ष्मी दाई का काम करती है। वहीं, पति रोहित जायसवाल बंगलूरू में काम करता है। लक्ष्मी का घर खर्च को लेकर पति रोहित से हमेशा झगड़ा होता है। पत्नी का आरोप है कि रोहित ने दूसरी शादी भी कर ली है। दो माह पहले लक्ष्मी ने पति से घर खर्च दिलवाने के लिए थाने में प्रार्थनापत्र भी दिया था। बैदौली बाबू गांव से 28 मई को लक्ष्मी, बेटे के साथ पति के पास बंगलूरू रवाना हुई। वहीं, तीनों बेटियों को अपनी बहन के घर पर छोड़ा था। दो दिन पहले तीनों बहनें अपने घर बैदौली बाबू आई थीं। बताया जा रहा है कि बंगलूरू में भी पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। तब तीनों बहनों ने मां को जल्द आने के लिए कहा था। रोहित, लक्ष्मी को तलाक देना चाहता है, इसके लिए उसने कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
खाना बनवाने में दादी ने की थी मदद
रात के समय तीनों बहनें खाना बना रही थीं, तब बगल में रहने वाली उनकी दादी ने सब्जी कटवाई थी और खाना बनाने में भी हाथ बंटाया था। बहनों के बाबा रामवृक्ष ने बताया कि बच्चे परेशान हो रहे थे, इसलिए उनकी दादी गई थीं।
कर्ज से परेशान थी लक्ष्मी
रोहित ने लक्ष्मी से 80 हजार रुपये स्वयं सहायता समूह से कर्ज के रूप में निकलवाए थे, लेकिन उसकी किस्त लक्ष्मी को भरनी पड़ रही थी। लक्ष्मी का कहना है कि शनिवार को उसके घर पर समूह के लोग कर्ज के रुपये मांगने आए थे। उन्होंने बच्चों से कहा था कि अपनी मां से बोल दो रुपये जमा कर दे, वरना घर पर ताला लगवा दिया जाएगा।
बुजुर्ग की मौत में भी सामने आई थी समूह के कर्ज की बात
बता दें कि 30 मई को बांसगांव के बैदौली गांव में ही 75 वर्ष के रामकिशुन की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मौत के बाद बुजुर्ग की फोटो खींचने स्वयं सहायता समूह के लोग आए थे। जबकि इस मामले में थाने में कोई तहरीर नहीं दी गई। इस कारण यह मौत रहस्य बनकर रह गई। सूत्रों की मानें तो इस मामले में स्वयं सहायता समूह द्वारा कर्ज को लेकर बुजुर्ग की हत्या की बात चर्चा में आई थी।
एसपी दक्षिणी जितेंद्र कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसलिए विसरा सुरक्षित किया गया है। जांच चल रही है। तहरीर मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।