बाबा साहब की 131 वीं जयंती पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंबेडकर को आधुनिक भारत का निर्माता बताया

बाबा साहब की 131 वीं जयंती पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंबेडकर को आधुनिक भारत का निर्माता बताया

(रणभेरी): देशभर में आज संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 131 वीं जयंती मनाई जा रही है। भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 को हुई थी। इस दिन को भारत में समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी जाना जाता है। आज शहरों व कस्बों में उनकी स्मृति में कार्यक्रम रखे गए हैं। प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी जा रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस मौके पर अंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में आधुनिक भारत का निर्माता बताया। 

वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'बाबा साहब अंबेडकर ने भारत की प्रगति में अमिट योगदान दिया। उनके सपनों को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता को आज दोहराने का दिन है।'इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को संसद परिसर में आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी बाबा साहब को श्रद्धासुमन अर्पित किए। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी साझा किया है। इसमें पीएम ने अंबेडकर के पूरे जीवनकाल में उनके द्वारा दी गई सीख का जिक्र किया है और उनके संदेशों के बारे में बताया है। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार को बाबा साहब से जुड़े पांच स्थानों को 'पंच तीर्थ' 

  • भीमराव अंबेडकर से जुड़े कुछ अनजानी किस्सों में बारे में बताते हैं:- 
  1. क्या आप जानते हैं कि भारत में काम के लिए 8 घंटे किसने तय किए? तो जान लीजिए कि बाबा साहेब ने भारतीय श्रम सम्मेलन के 7वें सत्र में भारत में काम के घंटों की तदादा को 14 से घटाकर 8 घंटे कर दिया था। 
  2. साल 1955 में बाबा साहेब ने कहा था कि बिहार और मध्य प्रदेश दोनों राज्य काफी बड़ी हैं और इसकी वजह से उनके शासन में परेशानी भी आ रही हैं, इसलिए बेहतर है कि दोनों को तकसीम कर देना चाहिए। यही बात आगे चल कर हकीकत में तब्दील हुई और बाबा साहेब के सुझाव के करीब 45 साल बाद इन दोनों राज्यों की तक्सीम हुई और छत्तीसगढ़ और झारखंड का वजूद अमल में आया। 
  3. बाबा साहेब के हवाले से एक बात ये भी कही जा रही है कि वह शुरू से ही जम्मू कश्मीर में लागू आर्टिकल 370 के मुखालिफ थे. वह नहीं चाहते थे कि कश्मीर को खास राज्य का दर्जा दिया जाए। 
  4. बाबा साहेब की आत्मकथा, 'वेटिंग फॉर ए वीजा' को कोलंबिया विश्नविद्यालय में पढ़ाया जाता है. बाबा साहेब ने अपनी ये आत्मकथा साल 1935 में लिखी थी.
  5. ये बात भी जान लीजिए कि बाबा साहेब ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम किरदार अदा किया था. साल 1935 में जब भारतीय रिजर्व बैंक की गठन की जा रही थी, इस दौरान बाबा साहेब ने काफी काम किया था।