बढ़ रही वाहनों की संख्या, घट रहे डीएल बनवाने के आंकड़े
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में वाहनों की बढ़ती संख्या के बावजूद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के आंकड़े घट रहे हैं। ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में स्थायी लाइसेंस के लिए निर्धारित स्लॉट के आधे भी आवेदन नहीं आ रहे हैं। 396 ड्राइविंग लाइसेंस के लिए प्रक्रिया पूरी करने की क्षमता वाले इस केंद्र पर औसतन 80 से 100 आवेदक ही पहुंच रहे हैं। करीब एक साल पहले स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को बाबतपुर कार्यालय और चौकाघाट संकुल से हटाकर करौंदी में बने ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में शिफ्ट किया गया था। उसके बाद से ही डीएल के आवेदकों की संख्या बेहद कम हो गई है। जबकि बाबतपुर और चौकाघाट में जब तक यह प्रक्रिया होती थी तो एक सप्ताह तक बैकलॉग चल रहा था।
मगर, करौंदी में इस प्रक्रिया के शिफ्ट होने के बाद डीएल के आवेदन ही काफी कम हो गए हैं। डीएल के सेंटर की दूरी और सख्त नियमों को भी कारण माना जा रहा है। यहां आवेदक को यातायात नियमों के अनुसार वाहन चलाकर परीक्षा देनी होती है। इसके लिए उसे वाहन के साथ आना पड़ता है। सख्त नियमों के चलते औसतन 80 फीसदी लोग ही परीक्षा में सफल हो रहे हैं। संभागीय निरीक्षक सिद्धू कुमार ने बताया कि बीच में स्लॉट कम करके 180 आवेदकों के लिए कर दिया गया था। मगर, फिर से बाबतपुर और चौकाघाट के निर्धारित 396 आवेदन का स्लॉट यहां लागू कर दिया गया है। मगर, रोजना 80 से 100 आवेदक ही पहुंच रहे हैं। स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए निर्धारित स्लॉट से काफी कम आवेदक पहुंच रहे हैं। लर्निंग लाइसेंस बनने के छह माह के अंदर स्थायी लाइसेंस बनवाना अनिवार्य होता है। यदि किसी आवेदक को कोई समस्या आती है तो वह कार्यालय में संपर्क कर सकता है।