बनारस पहुंची स्मृति ईरानी: संगोष्ठी संबोधित करते हुए पद्म पुरस्कार पर कांग्रेस को घेरा

बनारस पहुंची स्मृति ईरानी: संगोष्ठी संबोधित करते हुए पद्म पुरस्कार पर कांग्रेस को घेरा

वाराणसी (रणभेरी): बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी गुरुवार को वाराणसी पहुंचीं और पार्टी कार्यालय पर आयोजित सामाजिक समरसता दिवस पर समारोह को संबोधित किया। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इसके पूर्व सुबह स्‍मृति ईरानी विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचीं तो पार्टी की ओर से उनका स्‍वागत किया गया, इसके बाद वह शहर के लिए रवाना हो गईं। भाजपा नेता शैलेश पांडे और अन्य पुष्प गुच्छ और बाबा साहब लाइफ एंड मिशन नामक किताब भेंट किया।

साथ ही उन्होंने रोहनिया स्थित पार्टी मुख्‍यालय पर उन्‍होंने सामाजिक समरसता दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि कुछ पार्टियां वर्ग विशेष की राजनीति कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कभी जाति या वर्ग के नाम पर वोट नहीं मांगते हैं। वह विकास की बात करते हैं, जो बाबा साहब का सपना था। काशी ने पीएम नरेन्‍द्र मोदी को यहां से सांसद चुना और देश ने सेवक मिला जो लगातार बाबा साहब के सपनों को पूरा कर रहा है। देश में सशक्त भारत की संकल्पना तब ही साकार होगी जब सरकार के खजाने पर सभी गरीबों का हक हो। अब देश भर में बैंक खुद ही चलकर गरीबों के दरवाजे पर आते हैं। वहीं 11 करोड़ किसानों के खाते में पैसा सीधे उनके एकाउंट में जाता है। यूपी में एक समय था राजनैतिक दल का रंग लाल था। सड़कें भी तब लाल थीं। उस समाजवादी पार्टी के गुंडाराज को बीजेपी ने खत्म किया है। सपा ने चुनाव के दौरान बुलडोजर को लेकर तंज किया था। यूपी की जनता ने बुलडोजर पर चढ़ कर कमल के बटन को दबा कर प्रदेश के सपा को चुनाव में जवाब दिया है।बाबा साहेब आंबेडकर को चुनाव में हराने वाली पार्टी कांग्रेस है। बाबा साहेब को हराने वाले शख्स को कांग्रेस ने पद्मश्री का सम्‍मान दिया था। कांग्रेस ने बाबा साहेब के जख्मों पर नमक डालने का काम किया है। वहीं पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने अपने कैबिनेट में सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के लोगों को जगह दी है। 

कहा कि बाबा साहब का एक ही संकल्प था एक राष्ट्र एक संविधान। भारतीय जनता पार्टी उसी को संकल्प के रूप में लेकर काम कर रही है। बाबा साहब ने एक राज्य के बंटवारे के समय कहा था कि कोई यह न समझे कि हम किसी धर्म किसी संप्रदाय किसी विशेष क्षेत्र के लोगों के लिए काम करेंगे। मेरी प्राथमिकता भारत है। मैं भारतीय हूं। वह एक राष्ट्र एक संविधान की बात करते थे। उन्होंने ही संविधान के आधार पर एकजुट होने की प्रेरणा दी थी। वही संविधान हम सभी को एक राष्ट्र एक संविधान और सभी को समान अधिकार देता है।