काशी के मंदिरों में गैर-हिंदुओं का प्रवेश हो वर्जित
वाराणसी (रणभेरी सं.)। दुर्गाकुंड स्थित आनंद पार्क में हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों ने बैठक की?। बैठक में सभी ने आवाहन किया कि वाराणसी के सभी हिंदू मंदिरों में गैर हिंदू प्रवेश वर्जित किया जाए। शहर के जितने भी हिंदू संगठन हैं उनको एक किया जा रहा है और इस मुहिम को पूरे जिले स्तर पर चलने की तैयारी की जा रही है। बैठक में सभी हिन्दूओं को एक करने की बात कही गई। अभिषेक गोलू ने 'सनातन' का शाब्दिक अर्थ बताते हुए कहा कि शाश्वत या 'सदा बना रहने वाला', यानी जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म अथवा वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया के सबसे प्राचीनतम धर्म के रूप में भी जाना जाता है। भारत की सिंधु घाटी सभ्यता में हिन्दू धर्म के कई चिह्न मिलते हैं। यह धर्म, ज्ञात रूप से लगभग 12000 वर्ष पुराना है जबकि कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म 90 हजार वर्ष पुराना है।
सुधीर ने बैठक ने कहा कि मौजूदा समय में हिंदू को एक होने की कभी ज्यादा जरूरत है। इसकी कमजोरी इसीलिए है कि ईश्वर के लोग आपस में ही बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम लोग यहां से एकता का परिचय देंगे तो सनातन बोर्ड बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि हमारी एक ही मांग है कि हमारे हिंदू मंदिरों में गलत तरीके से प्रचार प्रसार ना किया जाए। उन्होंने कहा कि बीएचयू में विश्वनाथ मंदिर है लेकिन वहां पर दर्शन काम और फोटोग्राफी स्थल ज्यादा हो गया है हमारा पहला है कि हम उसको रोकेंगे को लेकर हम विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन भी देंगे।
लाखों हिन्दू संगठन बने लेकिन एकता किसी में नहीं
संतोष ने बैठक में कहा कि देश में हिंदू के नाम पर 4 लाख 70 हजार हिंदू संगठन बना दिए गए लेकिन कोई भी हिंदुओं के लिए एक साथ खड़ा होने वाला नहीं है अगर यह सभी एक साथ खड़े हो जाएं तो सरकार सनातन बोर्ड बनाने के लिए मजबूर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हम मंदिरों में गैर हिंदू प्रवेश वर्जित को लेकर आवाहन करेंगे लेकिन अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो हम इसका विरोध भी करेंगे।
संगठन की एकता और संयम पर बल
बैठक के अंत में सभी पदाधिकारियों ने यह संकल्प लिया कि अभियान के दौरान भाषा और व्यवहार की मयार्दा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। साथ ही, सभी संगठन मिलकर इस मुहिम को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। इस बैठक में हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने न केवल धार्मिक एकता को बढ़ाने पर चर्चा की, बल्कि हिंदू मंदिरों की पवित्रता और गरिमा को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि सनातन धर्म की सुरक्षा और संरक्षण के लिए समाज के हर वर्ग को एकजुट
होना पड़ेगा