अपने ही नक्कारेपन पर नगर निगम ने लगाया चूना

अपने ही नक्कारेपन पर नगर निगम ने लगाया चूना

वाराणसी (रणभेरी) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पूरी  भाजपा समय 2024 के लोकसभा के चुनाव की तैयारी में व्यस्त हो गए हैं। अभी से यह भी देखा जा रहा है कि सत्ताधारी दल के तमाम नेता अपनी जनसभाओं में सरकार के कामों को गिनाते हुए नहीं थक रहे है। चुनावी आहट की वजह से उनका मकसद खुद अपनी ही पीठ थप-थपाना होता हैं। जबकि सरकार के तमाम दावों की हकीकत कुछ और ही है। यहाँ हम बात कर रहे है पीएम के संसदीय क्षेत्र स्मार्ट सिटी वाराणसी की। जहां वाराणसी नगर निगम अपने ही बालिका विद्यालय की बिल्डिंग में पिछले तीन वर्षों में महज़ तीन शौचालय नहीं बना सका।
दरअसल वाराणसी में विकास के नाम पर जितने बड़े-बड़े दावे किये जा रहे हैं उनकी सच्चाई कुछ और ही है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत वाराणसी में पिछले छह सालों में 40 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए गए हैं, मगर लगता है कि मोदी जी का स्वच्छ भारत का सपना वाराणसी नगर निगम के कारण सपना ही रह जायेगा। दरअसल मोदी के स्वच्छ भारत का सपना साकार करने की जिम्मेवारी जिन कंधो पर है वही लोग अपना काम सही तरीके से नहीं कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उच्चतर माध्यमिक बालिका विद्यालय रामघाट स्थित रामघाट प्राथमिक पाठशाला हैं। यहां बीते तीन सालो से 3 शौचालय बनाने का कार्य चल रहा हैं।  मगर भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बन चूका नगर निगम इन तीन सालो में महज 3 शौचालय का निर्माण पूरा नहीं कर सका। 
अब यह जांच का विषय है कि नगर निगम वाराणसी रामघाट स्थित इस प्राथमिक पाठशाला में ऐसा कौन सा शौचालय बनाया जा रहा है जो तीन सालो में भी पूरा नहीं हो सका है। 
सरकारी आंकड़ो की माने तो स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक देश में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बने है। डब्ल्यूएचओ की ओर से केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के तरफ से जारी स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण प्रोग्रेस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई हैं। रणभेरी ने इस खबर को एक पखवारे पूर्व प्रकाशित किया था। जिसके बाद बेशरम नगर निगम ने कोरम पुरा करने के लिए नगर उन्ही अधनिर्मित शौचालय की दीवारो पर चुना करके अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लिया। खबर प्रकाशित होने के बाद भी शौचालय निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ तो क्या कम से कम बेशरम नगर निगम ने अपने ही नक्कारेपन पर चूना तो लगा ही लिया।