एचएफएल एरिया में खड़ी सुनील अग्रवाल की इमारत को एक नोटिस और
15 दिनों में स्वयं अवैध निर्माण ध्वस्त करने की दोबारा चेतावनी
होगी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई या फिर राजनीतिक हस्तक्षेप के आगे बेबस हो जाएंगे वीडीए के अधिकारी !
वाराणसी (रणभेरी सं.)। भेलूपुर जोन के रविंद्रपुरी में एक आलिशान इमारत अवैध तरीके से एचएफएल एरिया में खड़ी कर दी गई। उस इमारत में बाकायदा ग्राउंड फ्लोर पर चेतमणि के नाम से ज्वेलरी का एक आलिशान शो रूम तथा प्रथम तल पर रूपदर्शी साडीज के नाम से साड़ी का एक शो-रूम भी खोल दिया गया। जब इस अवैध निर्माण की खबर सांध्य दैनिक समाचार पत्र रणभेरी ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो वीडीए के जोनल अफसर प्रमोद तिवारी एक्शन में आए हैं। एक माह पहले भेलूपुर जोन के जोनल अधिकारी प्रमोद तिवारी तत्काल एक्शन लेते हुये इस अवैध भवन पर जा पहुचे थे और भवन स्वामी सुनील अग्रवाल को ध्वस्तीकरण का आदेश थमा दिया था। नोटिस के जरिए भवन को 15 दिन में खाली करने की मोहलत दी गयी है। नोटिस में कहा गया है कि आप द्वारा किये गये सम्पूर्ण अनधिकृत निर्माण के विरूद्ध उ.प्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत नोटिस की कार्यवाही करते हुए दिनांक 6 अप्रैल 2024 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया था। पारित ध्वस्तीकरण आदेश दिनांक 6 अप्रैल 2024 के क्रम में स्थल पर किये गये अनधिकृत निर्माण को 15 दिवस के अन्दर स्वत: हटा लें, अन्यथा प्राधिकरण अवैध निर्माण को ध्वस्त करा देगा।
एक माह बीतने के बाद भी भवन स्वामी ने जब मकान का ध्वस्तीकरण नहीं करवाया तो बीते मंगलवार को वीडीए जोनल अधिकारी प्रमोद तिवारी दुबारा नोटिस के साथ पहुंचे। नोटिस में भवन स्वामी सुनील कुमार अग्रवाल को कहा गया है कि आपके द्वारा प्लाट नं.-68, भवन सं.-बी-27/92-सी-2-बी, रविन्द्रपुरी कालोनी, वार्ड-भेलूपुर, वाराणसी पर लगभग 80७150 वर्गफीट के क्षेत्रफल में बी+जी+3 तल का निर्माण कार्य किये जाने पर सम्पूर्ण अनधिकृत निर्माण के विरुद्ध उ.प्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत नोटिस की कार्यवाही करते हुए 6 अप्रैल 2024 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया है। पारित ध्वस्तीकरण आदेश के कम में स्थल पर किये गये अनधिकृत निर्माण को 15 दिवस के अन्दर स्वत: हटाने हेतु बीते 26 अक्टूबर को भी सूचित किया गया था। परन्तु आप द्वारा अनधिकृत निर्माण को हटाया नहीं गया। नोटिस के माध्यम से दुबारा हिदायत दिया गया है कि अवैध निर्माण को 15 दिन के अन्दर स्वत: हटा लें, अन्यथा प्राधिकरण अवैध निर्माण को ध्वस्त करा देगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी भवन स्वामी की होगी। साथ ही इसमें निमित्त होने वाला व्यय धारा-27(1) के तहत भू-राजस्व बकाये की भाँति वसूल किया जाएगा। अब देखना होगा की वीडीए के दुबारा इस फरमान के बाद इस अनाधिकृत निर्माण पर सूबे के तेज तर्रार मुख्यमंत्री का बुलडोजर कब चला है या फिर एक बार सत्ता की दलाल इस अवैध निर्माण के आगे ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं।