काशी को विश्वस्तरीय स्थल के रूप में विकसित करें

काशी को विश्वस्तरीय स्थल के रूप में विकसित करें

वाराणसी (रणभेरी सं.)। केंद्रीय पर्यटन सचिव वी विद्यावती ने कहा कि विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में काशी को विकसित करें। काशी केवल एक शहर नहीं है। एक वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र है। जो प्राचीन इतिहास, धार्मिक महत्व और कलात्मक परंपराओं को समेटे हुए है। सुधार के लिए काशी में अगले दो महीने में बदलाव दिखना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय, देशी पर्यटकों को अलग अनुभूति हो सके। केंद्रीय पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में कमिश्नरी में बैठक हुई। इसमें वाराणसी को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि बदलाव की शुरूआत बुनियादी स्तर से करने की जरूरत है। शुरूआत में 16 से 20 प्रमुख स्थानों का चयन किया गया है। इसमें प्रमुख मंदिर, कनेक्टिविटी पॉइंट घाट, सारनाथ आदि शामिल हैं। जो भी बदलाव हो वो सतत होने के साथ दीर्घकालिक होंगे। इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर चर्चा हुई। इसमें घाटों के सुंदरीकरण और सफाई, बेहतर सड़क, बिजली और जल आपूर्ति व्यवस्था, पर्यटन स्थलों तक सुगम पहुंच के लिए परिवहन सुविधाएं (रिंग रोड, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, नाव सेवाएं) विकसित करने पर सहमति बनी।

उन्होंने कहा, सुविधाओं को और बेहतर बनाने में पर्यटकों के लिए बेहतर आवास, परिवहन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि उन्हें वाराणसी आने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने काशी में योग सेंटर, वेलनेस सेंटर, नेचुरोपैथी चिकित्सा, आयुर्वेद चिकित्सा को प्रमुखता से बढ़ावा देने को निर्देशित किया। उन्होंने सरकार की ओर से आर्थिक मदद देने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने काशी आने वाले पर्यटकों को बगल के जिले चंदौली के इको-पर्यटक स्थलों से जोड़ने, विंध्य क्षेत्र के पर्यटक स्थलों, मां विन्ध्यवासिनी मंदिर, चुनार किला जो की भारत के सबसे पुराना किला है। मंडलायुक्त एस राजलिंगम ने केंद्रीय पर्यटन सचिव का और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन का बुके देकर स्वागत किया। मंडलायुक्त ने काशी को ग्लोबल पर्यटन के दृष्टिगत विकास के लिए सभी संभव प्रयास की चर्चा की।