Jagannath Rath Yatra 2022: दो साल बाद भगवान जगन्नाथ दिए भक्तों को दर्शन, जय जगन्नाथ के उद्घोष से गूंज उठी काशी

Jagannath Rath Yatra 2022: दो साल बाद भगवान जगन्नाथ दिए भक्तों को दर्शन, जय जगन्नाथ के उद्घोष से गूंज उठी काशी

(रणभेरी): भगवान शिव की नगरी काशी में तीन दिवसीय रथयात्रा मेले की आज शुरुआत हो गई है। वर्ष 1790 में शुरू हुए रथयात्रा मेले का यह 232वां वर्ष है। इस बीच बीते दो साल कोरोना महामारी के कारण भगवान जगन्नाथ ने बहन सुभद्रा और भइया बलभद्र के साथ भक्तों को रथयात्रा मेले में दर्शन नहीं दिए थे। लेकिन इस साल शुक्रवार अलसुबह जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होते ही रथयात्रा मेला शुरू हो गया। पीताम्बर वेष में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भइया बलभद्र ने भक्तों को अपने दर्शन दिए। नाथों के नाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने भगवान जगन्नाथ को तुलसीदल की माला, सुगंधित बेला के पुष्पों की लड़ी, फल और श्रद्धाभाव अर्पित कर आशीष लिया। इसी के साथ काशी में लक्खा मेलों की शुरुआत हो गई।

भोर की मंगला आरती के बाद श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और भइया बलभद्र के दर्शन कर निहाल हो उठे।अब सब कुछ सामान्य होने पर शुक्रवार की भोर भाई और बहन के साथ रथ में विराजमान भगवान जगन्नाथ की मंगला आरती हुई। इसके बाद रथयात्रा इलाका जय जगन्नाथ के उद्घोष से गूंज उठा। इसी के साथ ही मेले में एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़े, यह सिलसिला कार्तिक मास तक जारी रहेगा।भक्तवत्सल भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभ्रदा और भइया बलभद्र भक्तों द्वारा अत्यधिक स्नान कराए जाने के कारण 14 जून को बीमार पड़ गए थे। भगवान के स्वास्थ्य लाभ लेने के कारण 14 जून से 29 जून तक अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर के पट बंद थे। 30 जून को मंगला आरती के बाद भगवान, उनकी बहन और भइया ने भक्तों को फिर दर्शन दिए।

रथयात्रा मेले को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने रथयात्रा चौराहा को शुक्रवार से दोपहर 12 बजे के बाद नो व्हीकल जोन घोषित किया है। दोपहर 12 बजे से भोर में चार बजे के बीच वाहन लेकर रथयात्रा चौराहा की ओर न जाए, यह डायवर्जन चार जुलाई तक लागू है। हालांकि, एंबुलेंस, शव और दिव्यांग वाहन सभी तरह के प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे।

एडीसीपी ट्रैफिक डीके पुरी के अनुसार, बीएचयू भेलूपुर से रथयात्रा जाने वाले वाहनों को कमच्छा से बैजनत्था की तरफ मोड़ते हुए आशीर्वाद क्लीनिक आकाशवाणी की तरफ से निकाला जाएगा। लक्सा से रथयात्रा की तरफ जाने वाले समस्त वाहनों को गुरुबाग तिराहे से नीमामाई तिराहे की तरफ मोड़ा जाएगा। सिगरा से रथयात्रा जाने वाले समस्त वाहनों को सिगरा चौराहे से महमूरगंज की तरफ निकाला जाएगा। महमूरगंज चौराहे से रथयात्रा जाने वाले सभी वाहन आकाशवाणी तिराहा से सिगरा की तरफ जाएंगे।

एडीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि नो इंट्री समाप्त होने पर जिन भारी वाहनों (ट्रक आदि) को मंडुवाडीह तक आना है, वह मोहनसराय, रोहनिया, चांदपुर, मुढ़ैला होते हुए मंडुवाडीह तक आ सकते हैं। नो-इंट्री समाप्त होने पर जिन भारी वाहनों (ट्रक आदि) को सिगरा तक आना है, वह मोहनसराय, रोहनिया, चांदपुर, लहरतारा, धर्मशाला, इंग्लिशिया लाइन, मलदहिया होते हुए सिगरा तक आ सकते हैं। नो-इंट्री समाप्त होने पर जिन भारी वाहनों (ट्रक आदि) को सिगरा से हरहुआ होकर या बाबतपुर जाना होगा, वह वाहन सिगरा, मलदहिया, चौकाघाट, ताड़ीखाना पुलिस लाइन चौराहा, भोजूबीर, गिलट बाजार, तरना, हरहुआ होते हुए अपने गंतव्य को जा सकेंगे।