इंवेस्टमेंट के बहाने लाखों ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़

इंवेस्टमेंट के बहाने लाखों ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़

वाराणसी (रणभेरी सं.)। आनलाइन इन्वेस्टमेंट के बहाने लाखों रुपए की ठगी करने वाले साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। व्यापारी को टॉस्क पूरा करने और बड़े फायदा का लालच देकर साइबर अपराधियों ने 27.25 लाख की चपत लगा दी। जिसके बाद अपराधियों ने अपने नंबर बंद कर दिए। अपराधियों ने ब्रांडेड कंपनियों की वेबसाइट बनाकर कई लोगों को शिकार बनाया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मोबाइल, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, नकदी बरामद किया है। इन आरोपियों के खिलाफ पहले से दो केस दर्ज हैं। डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी करने वाले गैंग को क्राइम ब्रांच टीम ने दबोचा है। फर्जी वेबसाइट से ठगी करने वालों में सरगना सहित 4 अंतरराज्यीय अपराधी गिरफ्तार हुए हैं।

साड़ी कारोबारी से पिछले दिनों हुए 27 लाख की ठगी में टीम वर्क आउट में जुटी थी। साइबर अपराधियों ने कारोबारी से 4 अकाउंट में 27.25 लाख रुपए ट्रांसफर कराए थे। इसके लिए आरोपियों ने टेलीग्राफ का प्रयोग किया। हालांकि अभी उनके पास से महज 30 हजार रुपए की धनराशि बरामद हुई है।
बल्क में भेजते थे फीचर एसएमएस: आरोपी बड़ी नामी कंपनियों की ओरिजिनल वेबसाइट से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बनाते थे। उसके बल्क एसएमएस फीचर के जरिए हजारों लोगों तक पार्ट टाइम जॉब, इन्वेस्टमेंट, शेयर परचेजिंग, टॉस्क एचीविंग समेत कई मैसेज भेजते थे।

बड़ी धनराशि का भेजते थे स्क्रीनशॉट्स: एक साथ हजारों लोगों को अच्छा फायदा कमाने का प्रलोभन दिया जाता है। जब कोई व्यक्ति इनके झांसे में आता है तो यह उसको छोटी-छोटी धनराशि उसके खातों में क्रेडिट कर बड़ा धन कमाने का लालच देते थे। वेबसाइट और टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर सिंडिकेट बड़ी धनराशि का स्क्रीनशॉट्स भेजते थे। जिससे लोग उनके झांसे में आ जाते थे। साइबर अपराधियों ने इतनी शॉर्प वेबसाइट बनाई थी कि इन्वेस्टमेंट करने वाला धोखा खा जाए। कम्पनी के बैंक खातों मे पैसे डलवाने के बाद तुरंत उस कम्पनी के फर्जी वेबसाइट पर यूजर के अकाउंट में दिखता है और लोगों को भरोसा हो जाता था। इन्वेस्टमेंट का फायदा दुगुना तिगुना देखकर लोग और पैसा लगाते थे। इसके बाद फ्लैश अमाउंट का स्क्रीन शॉट भेजकर गुमराह करते थे। डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि सभी गिरफ्तार अपराधी राजस्थान के रहने वाले है। उनकी पहचान प्रिंस खोड निवासी हनुमानगढ़, राजस्थान, आशीष विश्नोई निवासी अनूपगढ़, राजस्थान, हरीश विश्नोई निवासी बीकानेर, राजस्थान, मनदीप सिंह निवासी श्रीगंगानगर, राजस्थान के रूप में हुई है।

साइबर ठगों से रहें सावधान

  •  अगर आप किसी कंपनी का कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर ढूंढ रहे हैं तो उसे गूगल पर ना खोजें, बल्कि उस संस्थान के वेबसाइट पर जाएं और फिर कस्टमर केयर का नंबर सर्च करें।
  •  कभी भी सर्विस प्रोवाइडर, बैंक और यूपीआई किसी कस्टमर को कॉल नहीं करते. इनके नाम से आने वाले कॉल पर विश्वास नहीं करें।
  • अगर आपको शंका हो तो बैंक जाकर बात करें।
  •  क्यूआर कोड पेमेंट देने के लिए होता है, रिसीव करने के लिए नहीं होता।
  • साइबर ठग आपको क्यूआर कोड भेज कर ठगी का शिकार बनाते हैं।
  • अनजान व्यक्ति के द्वारा भेजे गये क्यूआर कोड को स्कैन ना करें।
  • किसी के कहने पर ओटीपी ना बताएं।
  • यदि आपके पास बैंकिंग या फाइनेंस से जुड़ा कोई मैसेज आए तो उसे बहुत ध्यान से पढ़ें