वाराणसी में वन विभाग की टीम ने पकड़ी प्रतिबंधित पक्षियां, तीन गिरफ्तार

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में वन वभाग की टीम ने रविवार को अंधरापुल के पास एक डबल डेकर बस में छापेमारी कर प्रतिबंधित प्रजातियों के पक्षियों की तस्करी में संलिप्त तीन लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से 28 जीवित तोते बरामद किए गए, जिन्हें बेहद अमानवीय तरीके से कार्टून के डिब्बों में भरकर बस की डिग्गी में छिपाया गया था।
वाराणसी के वन संरक्षक डॉ. रवि कुमार सिंह के अनुसार पकड़े गए आरोपियों में बस चालक धनंजय सिंह (निवासी- छतरपुर, जिला पलामू, झारखंड), बस परिचालक अभय सिंह उर्फ कन्हैया (निवासी- सदलपुरा, थाना अलीनगर, चंदौली) और मो. आरिफ (निवासी- हसनपुरा, विशेश्वरगंज, वाराणसी) शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये तस्कर पक्षियों को गढ़वा (झारखंड) से अवैध रूप से लाकर वाराणसी में बेचने की फिराक में थे। डॉ. सिंह ने वाराणसी के नागरिकों से अपील की कि वे प्रतिबंधित प्रजातियों के पक्षियों की खरीदारी से परहेज करें और यदि कहीं पर इस प्रकार के अवैध व्यापार की सूचना मिले तो तत्काल वन विभाग को सूचित करें।
जानकारी के अनुसार वन मुख्यालय वाराणसी को मोबाइल फोन से सूचना मिली थी कि अंधरापुल के पास प्रतिबंधित प्रजाति के पक्षियों का अवैध व्यापार किया जा रहा है। इसके बाद वन संरक्षक व क्षेत्रीय निदेशक ने वन सुरक्षा दल टीम को निर्देशित किया। कुछ देर बाद टीम अंधरापुल पहुंची। छापेमारी टीम में क्षेत्रीय वनाधिकारी रविन्द्र यादव, उप क्षेत्रीय वन अधिकारी राजकुमार गौतम, वन रक्षक राहुल बलवन्त और अन्य कर्मचारी रहे।
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह इन पक्षियों को गढ़वा झारखण्ड से लादकर बस के जरिए ला रहे थे। यह बस मो. आरिफ का है। बरामद पक्षी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के अन्तर्गत प्रतिबन्धित हैं। आरोपितों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम -1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया।