गर्मी-बिजली कटौती पड़ रही भारी

गर्मी-बिजली कटौती पड़ रही भारी

गोरखपुर । सुबह से ही शरीर को झुलसाने वाली गर्मी और ऊपर से तेज पछुआ हवा। ऐसे में अगर चार-पांच घंटे बिजली कट गई तो बच्चों की क्या हालत होगी, इसका अंदाजा लगाइए। घर के बाहर निकल नहीं सकते और अंदर रह नहीं पा रहे। नतीजा बच्चे रो रहे हैं, इसके चलते मां-बाप परेशान हो रहे हैं। नौकरीपेशा मां-बाप बच्चों को संभालने में परेशान होते हैं, जिसका असर उनके काम के साथ-साथ दिनचर्या पर भी पड़ रहा है। इन सबसे चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र शर्मा बताते हैं कि मौसम का सेहत से सीधा जुड़ाव है, खासकर बच्चों का। अगर सर्दी अधिक होगी तो भी और गर्मी अधिक पड़ेगी तो भी। बच्चे ही पहले बीमार होते हैं। इस बार भी गर्मी का असर यह है कि वार्ड में डायरिया, सर्दी-जुकाम, बुखार और टाइफायड के मरीज आ रहे हैं। अभी जैसे-जैसे मौसम आगे बढ़ेगा, इस तरह की दिक्कत और आएगी। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके सिंह बताते हैं कि इस तरह के मौसम में दो साल से कम उम्र के बच्चे अधिक परेशान होते हैं। वजह यह कि गर्मी वे बर्दाश्त नहीं कर पाते। इन दिनों ओपीडी में ऐसे मामले बढ़े हैं। छोटे बच्चे गर्मी में अधिक रोते हैं और दूध पीना भी कम कर देते हैं। मां की सेहत का छोटे बच्चे पर सीधा असर होता है। अगर मां को बुखार है तो, उसके संपर्क में रहने की बच्चे को भी बुखार होने की संभावना सबसे अधिक होती है।
 

इस मौसम में खाने का रखें विशेष ख्याल
डॉक्टरों का कहना है कि तेज गर्मी के मौसम में खाना चार घंटे से भी कम समय में खराब हो जाता है। इसलिए ऐसे मौसम में खान-पान का विशेष ख्याल रखें। सड़क के किनारे बिक रहे फास्ट फूड, जूस और अन्य मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। पानी की अधिकता वाले मौसमी फल, खीरा-ककड़ी आदि का सेवन अधिक करें। घर से बाहर निकलते समय पानी जरूर पीकर निकलें। गर्मी से लौटते ही तत्काल फ्रिज का पानी न पीएं, यह गले के लिए खतरनाक हो सकता है। तेज बुखार होने पर ठंडे पानी से पट्टी करें, इसके बाद डॉक्टर की सलाह लें।