रामचरित मानस पर टिप्पणी में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर केस

भावनाएं आहत करने का आरोप, तहरीर पर एक्शन
वाराणसी (रणभेरी): कैंट थाने में पूर्व कैबिनेट मंत्री और वर्तमान एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई एमपी-एमएलए न्यायालय के आदेश पर की गई। आरोप है कि मौर्य ने रामचरित मानस पर अमर्यादित टिप्पणी कर जनमानस की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।
शिकायतकर्ता अधिवक्ता अशोक कुमार ने तहरीर दी थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि तुलसीदास ने अपनी प्रसन्नता के लिए रामचरितमानस लिखा है, यह कोई धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि इसमें जाति विशेष के खिलाफ अपमानजनक बातें लिखी गई हैं। इस बयान को लेकर बनारस समेत कई जगह विरोध भी हुआ था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, इस तरह का बयान न केवल समाज में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि सामाजिक सौहार्द भी बिगाड़ सकता है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आईपीसी की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं। इस बार उनकी टिप्पणी ने रामचरित मानस की धार्मिक मान्यता पर सवाल उठाते हुए एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस और प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।