भाजपा ने 'नोटबंदी' नहीं 'नोटबदली' का किया काम

भाजपा ने 'नोटबंदी' नहीं 'नोटबदली' का किया काम
  • 1992 से राजनीति से जुड़ा तब से अब तक शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में जनता के बीच हूँ सक्रीय 
  • रोजगार, व्यापार, या महिलाओं को कोई सुरक्षा दे सकता है तो ये समाजवादी के ही लोग दे सकते है 

वाराणसी (रणभेरी): पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी अब तेज नजर आ रही है। हर दल अब एक दूसरों को घेरने, आरोप-प्रत्यारोप के साथ साथ जुबानी हमले कर रही है। एक तरफ जहां भाजपा विकास का प्रचार कर रही है वहीं दूसरी तरफ विपक्ष वर्तमान सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य बुनियादी सुविधाओं पर घेरने का काम कर रही है। चुनावी मैदान में उतरने से पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियों में जुटी प्रमुख पार्टियों का झुकाव छोटे सियासी दलों की तरफ बढ़ा है। भाजपा और सपा समेत लगभग सभी दल समाजिक और क्षेत्रीय समीकरण सुधारने के लिए छोटे दलों का सहारा ले रहे हैं। छोटे दल भले ही जिले तक सीमित हों पर उनका प्रभाव काफी बड़ा है। यह दल जाति आधारित है। इनका क्षेत्र विशेष प्रभाव रहता है। उनके इस प्रभाव को भुनाने की फिराक में बड़ी सियासी पार्टियां मशक्कत कर रही हैं। चुनावी माहौल के बीच प्रबुद्ध वर्ग यानी ब्राह्मण वर्ग का वोट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। सपा-बसपा ब्राह्मणों को साधने के साथ साथ महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दों पर बीजेपी को घेर रही है वहीं भी अपने साढ़े चार साल का लेखाजोखा जनता के बीच में रखकर चुनावी तैयारियों में जुटी है। हर राजनीतिक दल जातिगत राजनीति के सहारे 2022 की चुनावी नाव को पार लगाना चाहता है। प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने छोटे दलों से गठबंधन करने का निर्णय लिया है। अखिलेश ने साफ तौर पर कहा भी है कि बड़ी पार्टियों से हमारा गठबंधन का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। इस कारण इस बार हम छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ेगें। सपा ने महान दल के साथ हांथ मिलाया है। उसका प्रभाव बरेली, बदायूं और आगरा क्षेत्र के सैनी, कुशवाहा शाक्य के बीच है। इसके अलावा जनवादी पार्टी भी सपा के साथ है। इसके अलावा सपा का आरएलडी से गठबंधन लोकसभा चुनाव से चला आ रहा है। अब सीटों को लेकर बात हो रही है। सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन की घोषणा कर रखी हैं। ओमप्रकाश राजभर के भागीदारी संकल्प मोचरे में भारतीय वंचित पार्टी, जनता क्रांति पार्टी, राष्ट्र उदय पार्टी और अपना दल शामिल है।

यह पार्टियां अभी जाति विशेष में अपनी पकड़ के कारण चुनाव में असरदार साबित होती है। 2017 के विधानसभा चुनावों में, सुभासपा ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जिसमें से चार पर जीत हासिल की थी। एक सहयोगी के रूप में सुभासपा के साथ, सपा राजभर के वोटों को हासिल करने के लिए आशान्वित है। समाजवादी पार्टी भाजपा सरकार को बेरोजगारी, महंगाई औऱ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने में जुटी हैं। अखिलेश यादव की सक्रियता और लोकप्रियता ने यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार फिर से एक नया मोड़ ला दिया है। अखिलेश यादव को जिस तरीके से युवाओं का समर्थन और साथ मिल रहा है उससे यह सुनिश्चित है कि अखिलेश आज भी युवाओं के लोकप्रिय नेता हैं। अखिलेश के कुनबे को मजबूत होता देख अन्य पार्टियों की नींदे उड़ गई है। सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव 2022 में अपना दमखम दिखाने में जुट गई है। इसी क्रम में आपके अखबार "रणभेरी" ने यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीतियों को लेकर समाजवादी पार्टी के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से संजय यादव से बात की। आईये, जानते है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी की क्या तैयारी है।

  • चुनावी दंगल: समाजवादी पार्टी के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से संजय यादव से खास बातचीत

टिप्पणी: भाजपा के नाम से एक कहावत याद आती हैं कि ‘पहिले योगी वस्त्र पहीन के घर-घर जा कर भिंख मांगे और बाद में जब देखियें की कौने घर में माल ज्यादा बा वहीं रतिया में डांका मारे। तो ये भाजपा है और इनका यही विकास कार्य है, लोगों को झूठा वादा कर ठगना। ये आस्था के नाम पर ठगने वाले लोग हैं। इन झूठे भगवा धारियों से सतर्क होना पड़ेगा और इससे बचने की जरूरत है हमें। ये आस्था का एक रूप दिखा कर के ठगने का काम करती है इससे बाबा भोलेनाथ बचावें। 

  • सवाल: आपका परिचय और आप राजनीति में कब से जुड़े हैं ?

जवाब:  मैं राधाकृष्ण संजय यादव और पूर्व प्रदेश कार्यकरणी सदस्य समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश। मैं 1992 से राजनीति से जुड़ा हूं तबसे जानता के बीच रहा हूं। मैंने सभासद रहते हुए बीपीएड किया और एक प्राइमरी स्कूल का टीचर रहा। इंसान परस्थितियों का दास होता है तो मैं फिर से राजनीति में आया और अभी अपने शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हूं। 

  • सवाल: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आपकी पार्टी के क्या अहम मुद्दें हैं ? 

जवाब: हमारा अहम और सबसे पहला मुद्दा है की युवाओं को रोजगार देना, व्यापारियों को व्यापार के लिए अच्छी सुविधा देना, हमारी बहु बेटियां जो इस सरकार में सुरक्षित नहीं है उन्हें सुरक्षित करना, बेहतर शिक्षा की व्यवस्था करना। उत्तर प्रदेश के विकास के लिए जो भी कार्य होगा उसे हम पूरा करने का प्रयास करेंगे। अखिलेश यादव की सरकार में विभिन्न विकास कार्य किए गए थे जैसे आगरा एक्सप्रेसवे, मेट्रो, इकाना स्टेडियम, छात्र छात्राओं के लिए लैपटॉप, तो ऐसे ही विकास कार्य आने वाली सपा सरकार में भी निरंतर किए जायेगें। 

  • सवाल: आपको क्या लगता है, क्या सपा पूनः सत्ता हासिल कर पाएगी ? 

जवाब:  योगी सरकार के तो अब दिन पूरे हो गए क्योंकि देश की सबसे बड़ी झूठों की पार्टी भारतीय जनता पार्टी है। जिसने जनता से आस ज्यादा झूठ बोला है। मोदीजी ने कहा कि ‘बहुत हुई महंगाई की मार, आपकी बार भाजपा सरकार’ , ये नारा जब उन्होंने दिया था तब गैस सिलेंडर 349 रुपए का था और अब 1000 रुपए पार गया, पेट्रोल डीजल का दाम जो 60, 70 था वो आज 100 पार गया है। युवाओं को जितना इन्होंने रोजगार देने का वादा किया था, उससे ज्यादा युवा बेरोजगार हो गए हैं। इतनी भ्रष्ट और झूठों की सरकार जनता ने कभी नहीं देखा था। अपराध मुक्त प्रदेश बनाने का दावा करते है पर जब इनके किसी करीबी के अपराध की बात आती है तो मुख्यमंत्री चुप हो जाते हैं। तो इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता इन्हे उखाड़ फेंक देगी और दुबारा अखिलेश यादव की सरकार बनेगी। 

  • सवाल: प्रधानमंत्री मोदी का कहना है लाल टोपी यानी रेड अलर्ट, यूपी के लिए खतरे की घंटी, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे ? 

जवाब: प्रधानमंत्री जी की ये टिप्पणी गलत है। लाल रंग हमारे भारतवर्ष में क्रांति का प्रतीक है। लाल रंग से क्रांति पैदा होती है और इस लाल रंग की पार्टी ने इस झूठों की सरकार के खिलाफ क्रांति छेड़ दी है। इस वजह से  मोदी और योगी में डर पैदा हो गया है। लोगों को ये विश्वास हो गया है कि हमको कोई रोजगार दे सकता है, हमको कोई व्यापार दे सकता है या महिलाओं को कोई सुरक्षा दे सकता है तो ये समाजवादी के ही लोग हैं। इसलिए 2022 के चुनाव में जनता इस झूठों की सरकार को भगा कर समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने जा रही है। यह लाल टोपी लोहिया जी की है, जय प्रकाश नारायण जी की है, यह लाल टोपी उन लोगों की है जो हमें ऐसे लोगों से बचाती आई है। आज इस लाल टोपी के साथ अखिलेश यादव ने पूरे प्रदेश में एक क्रांति ला रखी है जिससे ये भाजपा सरकार डरी हुई है। 

  • सवाल: आप कह रहे हैं की भाजपा भय में है पर भाजपा तो कहती हैं की विपक्ष कमजोर है जिससे वो और 35 साल सत्ता में रहेंगे इसपर आप क्या कहेंगे ? 

जवाब: ये उनकी गलतफहमी है की विपक्ष कमजोर है। विपक्ष तो आज उनको मुहतोड़ जवाब दे रही है। चाहे हाथरस का मामला हो या कानपुर में व्यापारी की हत्या, विपक्ष जनता की हर एक मुद्दे को उठा रही है और ये सरकार हमारे सवाल के आगे चुप्पी साध लेते हैं। पर जब कोई इनके खिलाफ बोलता है तो ये उनको किसी झूठे मुकदमे में फंसा कर चुप करा देते हैं।सच की आवाज उठाने वाले पत्रकारों को भी जेल में डालने का काम किया है इस तानाशाह सरकार ने। तो इस बार सम्मान और संविधान बचाने की लड़ाई है। लोग संविधान बचा कर अंबेडकर और गांधी का सम्मान बचाने जा रहे हैं और 2022 सपा की सरकार बनने जा रही है। 

  • सवाल: हाल ही में समाजवादी इत्र बनाने वाले कारोबारी के ठिकानों पर छापें मारे गए जहां से भारी मात्रा में कैश बरामद हुए। इसपर आप क्या कहना चाहेंगे ? 

जवाब: सबसे पहले तो मैं लोगों से एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं की ये छापे जो मारे गए थे वो कोई समाजवादी इत्र बनाने वाला नहीं है बल्कि भाजपा के ही कारोबारी है। उनके यहां ये छापे अंजाने में पड़ गए और वहां जो रुपए बरामद हुए आज वही सरकार के लोग सेटलमेंट कर दिए और मीडिया ने ये खबर चलाना शुरू कर दिया की ये सपा के कारोबारी है जबकि असल में वो सपा के नहीं भाजपा के हैं। जब उन्होंने चंदा देने से मना कर दिया तो उनके यहां भाजपा ने छापा मरवा दिया। समाजवादी इत्र बनने वाले कोई और हैं। और अब सेटलमेंट हो गया तो कुछ टैक्स का बोल लगाकर इतने बड़े घोटाले पर पर्दा डाल दिया। ये झूठी सरकार है। ये नोटबंदी नहीं नोटबदली का काम किया है। भाजपा जगह जगह सपा को बदनाम करने का प्रयास कर रही हैं, पर ऐसा नहीं होने वाला क्योंकि जो सच्चा है वो अखिलेश हैं और जो झूठा है वो मोदी और योगी है। 

  • सवाल: ऐसा क्यों होता है कि चुनाव आते हैं ये आईटी और ईडी के छापों की संख्या बढ़ने लगती है ? 

जवाब: देखिए जब चुनाव आता है और इस सरकार को हारने का डर सताने लगता है तो ऐसा अक्सर होता है। जैसा की सबने बंगाल और महाराष्ट्र के चुनावों में भी देखा होगा। वही काम अब भाजपा उत्तर प्रदेश के चुनाव में कर रही है। ये उनकी पुरानी रणनीति है जब चुनाव हारने का भय होता है तो आईटी, ईडी, सीबीआई को ले आतीं और छापा मरवा कर बदनाम करने का प्रयास करती है। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। प्रदेश की जनता ने मन बना लिया है कि 2022 में अखिलेश यादव की ही सरकार बनने वाली है। 

  • सवाल: जनता भाजपा और कांग्रेस को छोड़ कर सपा को ही क्यों चुनेंगी ? 

जवाब: क्योंकि समाजवादी पार्टी सड़कों पर संघर्ष करने वाली पार्टी है, जनता के बीच खड़ी है। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में प्रदेश में जो विकास कार्य किए हैं उसे किसी को बताने की जरूरत नहीं है। जिस तरीके से लोग सपा के विजय यात्रा में अपना साथ दे रहे है, विश्वास जता रहे हैं उसे देखकर लगता है कि अगर कोई यूपी का विकास कर सकता है तो वो है अखिलेश यादव। जगह-जगह रथयात्रा में लोगों का जमावड़ा देखने को मिल रहा, जनता का विश्वास प्राप्त हो रहा है। जब गाजीपुर से रथयात्रा चली तो लखनऊ तक, पूरी रात युवा साथ रहे। मीडिया ये सब नहीं दिखाती पर जनता का पूरा भरोसा समाजवादी पार्टी पर है। 

  • सवाल: अगर अखिलेश यादव की सरकार में इतने विकास कार्य हुए तो 2017 के चुनाव में सपा क्यों हार गई ? 

जवाब: जनता को आस्था और धर्म के नाम पर बहकाया गया। हिंदू को मुस्लिम से लड़ाया गया, अगड़ा को पिछड़ा से बांटा गया,जाति को जाति से लड़ाया गया, ये सारी काम कर के भाजपा सत्ता में आई पर अब जब जनता को पता चल गया है की आस्था और मंदिर से लोगों का पेट नहीं भरने वाला, रोजगार नहीं मिलने वाला। अपराध मुक्त बोल कर अपराधों का प्रदेश बना दिया, आए दिन महिलाओं पर अत्याचार होते हैं। ये बातें किसी से छिपी नहीं है और 2022 में जनता इसका जवाब देने जा रही है। 

  • सवाल: सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ ये डबल इंजन की सरकार कितना सफल रही ? 

जवाब: सबका साथ और सबका विश्वास को लेकर धोखा देने में ये सरकार सफल रही है क्योंकि इन्होंने सबको धोखा दिया है। कोई ऐसा वर्ग नहीं होगा जिसे इस सरकार ने धोखा न दिया हो। न युवाओं को रोजगार मिला और न ही लोगों की आमदनी दोगुनी हुई। लोग बेरोजगार हुए हैं और महंगाई चार गुनी हो गई है। आज कोई भी परिवार अपने बच्चों को वो खुशी नहीं दे पा रहा है जो इस भाजपा सरकार के आने से पहले हुआ करती थी। सिर्फ झूठ बोलकर ये भाजपा सरकार सत्ता में आईं और बेरोजगारी, महंगाई और तानाशाही के अलावा कुछ नहीं दिया जनता को। इस डबल इंजन को सरकार से तो कई गुणा अच्छा अखिलेश की सरकार थी जिसमें जनता खुश रहते थे, सब सुखी थे। इस डबल इंजन की सरकार को हरा कर हम दिखा देंगे की इस सिंगल इंजन में कितनी ताकत है। 

  • सवाल: शिवपुर विधानसभा में आप 15 साल से सक्रिय हैं तो हमें बताएं कि आप इस क्षेत्र को कितना और क्या जानते हैं ? 

जवाब:  शिवपुर विधानसभा मेरी कर्मभूमि है और मैं इस क्षेत्र में एक योगी की तरह घूम रहा हूं। जीवन में मुझे कभी 20 का पहाड़ा याद नहीं हुआ लेकिन हमारे विधानसभा क्षेत्र में 156 गांव है और मुझे अपने विधानसभा क्षेत्र के सारे गांव के नाम याद हैं। गणेशपुर से लेकर महमूदपुर तक इन 15 सालों में लोगों के बीच में रह कर मैंने एक-एक गांव को जाना है एक एक गांववासी को जाना है। जिस दिन जनता ने मुझे शिवपुर का विधायक चुना तो मुझे किसी को बताने के जरूरत नहीं पड़ेगी कि क्षेत्र में कौन सी सड़क खराब है, किस गली को सड़क से जोड़ना है, कहां नाला खराब और कहां हैंडपंप की जरूरत है। मैं एक एक घर, एक एक लोगों को जानता हूं इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि अगर जनता ने मुझे चुना तो मैं क्षेत्र के विकास के लिए हर मुमकिन प्रयास करूंगा। 

  • सवाल: शिवपुर विधानसभा में क्या क्या समस्याएं हैं जिससे अभी जनता जूझ रही है ? और आप क्षेत्र के विकास के लिए क्या करेंगे? 

जवाब:  शिवपुर में सड़कों का जाल है वो आज बिल्कुल बिखरा पड़ा है, जो सड़कें सपा की सरकार में बनी थी वो आज भी कायम है। वर्तमान सरकार का जो नारा था की गड्ढा मुक्त सड़क बनाएंगे वो आज गद्दा युक्त सड़कें हो गईं हैं। सपा की सरकार में क्षेत्र में विकास कार्य किए गए थे लेकिन भाजपा की सरकार में क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ।  शिवपुर क्षेत्र में एक ग्रीन बेल्ट गांव है, चीरईगांव जहां से आचार, मुरब्बा पूरे विश्व तक पहुंचता है। और दूसरा धाव एक इलाका है जिसे सपा के सरकार ने पुल देकर शहर से जोड़ने का कार्य किया गया था। वहीं धाववासियों के सुगमता के लिए एक ओर पुल का निर्माण करना है। यह एक ग्रामीण क्षेत्र है। जो शहर की व्यवस्था है उसे गांव के लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए ये हमारी प्राथमिकता रहेगी। 

  • सवाल:  रणभेरी के माध्यम से जनता के लिए आपका संदेश। 

जवाब: हम जनता से एक संदेश देना चाहेंगे कि अंबेडकर जी ने जो संविधान बनाया और लोहिया जी ने सबको समाहित करके जो समाज बनाया उसे बचाने की जरूरत है। आप सभी लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें और मतदान करने से पहले याद करें की इन पांच सालों में हमारे संविधान और सम्मान से किसने खिलवाड़ किया? हमें इतना महंगाई किसने दिया ? हमें किसने बेरोजगार किया ? तो इन सभी बातों को ध्यान में रख कर मतदान करें। मैं प्रधानमंत्री जी की बात को ही दोहराते हुए कहना चाहूंगा कि ‘मित्रों वोट करने से पहले पेट्रोल को नमस्कार कर लें, गैस सिलेंडर को नमस्कार कर लें’। अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपने प्रदेश के लिए सही चुनाव करें।