बिजली विभाग के डीपी बॉक्स से  खुलेआम  हो रही है बिजली चोरी

बिजली विभाग के डीपी बॉक्स से  खुलेआम  हो रही है बिजली चोरी

वाराणसी (रणभेरी)।  बिजली विभाग के उपभोक्ता का बिजली बिल अगर तीन हजार  से अधिक है तो उसकी बिजली तत्काल काट दी जाती है वहीं दूसरी तरफ आईपीडीएस योजना के तहत लगे बिजली के डीपी बॉक्स से  बिजली चोरी की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार वाराणसी से सांसद होकर देश के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने काशी में फैले  बिजली के तारों को व्यवस्थित करने के लिए शहरी क्षेत्र में आईपीडीएस योजना के तहत बिजली के तारों को भूमिगत करने की योजना चलाई । इसके तहत शहरी क्षेत्र की बिजली व्यवस्था भूमिगत केबल के माध्यम से घरों को मिलने लगी। इसके तहत  हर 50 घर पर एक डीपी बॉक्स बनाकर उसके माध्यम से भूमिगत तार डालकर लोगों को बिजली दे जा रही है। योजना का मकसद  यह भी था कि इससे बिजली चोरी पर लगाम लगेगा। लेकिन अब लोग इसका गलत फायदा उठाने लगे हैं और डीपी बॉक्स से  बिजली चोरी की जा रही है।  बिजली चोर डीपी बॉक्स के अंदर से मोटे-मोटे केबल से खुलेआम बिजली का उपयोग कर रहे हैं और बिजली विभाग के कर्मचारी मस्त होकर चैन की नींद सो रहे हैं। वही छेत्रीय नागरिकों का कहना है यह बिजली चोरी बिजली विभाग के कर्मचारियों के मिली भगत से ही संभव है। बिजली बिजली विभाग द्वारा लगाए गए डीपी बॉक्स हो रही चोरी से  करोड़ों रुपए का नुकसान बिजली विभाग को हो रहा है।