शहर से लेकर गांव तक छुट्टा पशुओं ने बढ़ाई मुसीबत

शहर से लेकर गांव तक छुट्टा पशुओं ने बढ़ाई मुसीबत

फसल बचाने के लिए जूझ रहे किसान, कर रहे खेतों की रखवाली
सड़कों पर पशुओं के होने से लग जाता जाम

वाराणसी(रणभेरी): छुट्टा पशुओं को पशु आश्रय केंद्र पहुंचाने के लिए भले ही सरकार व प्रशासन लगातार निर्देश दे रहे हैं, लेकिन जिले में शहर से लेकर गांव तक छुट्टा पशु किसानों व आम लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। शहर में जहां छुट्टा पशुओं की वजह से आए दिन जाम लग रहा है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में छुट्टा पशु फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। 

प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद छुट्टा पशुओं को रखने के लिए पशु आश्रय केंद्र बनवाए गए हैं यहां तक की यूपी का पहला पशु शवदाह गृह भी जल्द ही बनारस में तैयार हो जायेगा। कांजी हॉउस की सुविधा से लोगों को उम्मीद थी कि शहर में विचरण करने वाले पशुओं को पकड़कर पशु आश्रय केंद्र पहुंचाया जाएगा, लेकिन वर्तमान में बड़ी संख्या में छुट्टा पशु विचरण कर रहे हैं। यह छुट्टा पशु वाराणसी के प्रमुख चौक-चौराहों सहित सड़को, गलियों व बाईपास का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। 

जब यही जानवर किसी व्यस्त स्थानों पर झुंड में बैठ जाते हैं, तो आने जाने वालों में भय की स्थिति के साथ ही साथ देरी का सामना भी करना पड़ता है। आए दिन काशी की सड़कों पर जाम की समस्या देखने को मिलती है जिसका सीधा सा सम्बन्ध इन छुट्टा पशुओं के सड़क पर खुलेआम विचरण से भी है। यही नहीं पटरी दुकानदारों के लिए भी छुट्टा पशु मुसीबत बने हुए हैं। दुकानदार इन्हें हटाने का प्रयास करते हैं तो पशु उन्हें मारने के लिए दौड़ा देते हैं। 

वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में छुट्टा पशुओं के चलते किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पशु फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों को फसल बचाने के लिए खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। वाराणसी के प्रमुख चौराहा कहे जाने वाला लंका, दुर्गाकुण्ड, रविन्द्रपुरी, सुंदरपुर, बीएलडब्ल्यू, रविदास गेट खास कर फलों की दुकानों की ओर, सिगरा (चंदुआ सट्टी की तरफ ) खोजवां, महमूरगंज, चितईपुर चौराहा, (कंचनपुर) कन्दवा, अदित्यनगर ( धीरेंद्र महिला कॉलेज के नजदीक, सुसवाही, करौंदी, जैसे पूरे शहर में जानवर घूमते मिल जायेंगे वही बात करें अगर शहर के बाहरी तरफ की तो विश्वसुंदरी बाईपास पर बीच डिवाइडर पर बैठे जानवर कब आपको दुर्घटनाओं में शुमार कर इसके विषय मे कुछ कहा नही जा सकता।

 स्थानीय फल विक्रताओं के मुताबिक छुट्टा पशुओं के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। कभी कभी यह जानवर दुकान पर रखे फल पर हमला बोल देते है बीच बचाव में ग्राहक और दुकान के समान दोनों को नुकसान पहुचता हैं । स्थानीय निवासियों के अनुसार छुट्टा पशु सड़क पर बैठ जा रहे हैं, उन्हें हटाने का प्रयास करने पर हमलावर हो जा जाते हैं। बच्चों के आने जाने में डर लगा रहता है । इस संबंध में नगर निगम से शिकायत भी की गयी है। समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। जल्द ही फिर अभियान चलाकर छुट्टा पशुओं को पकड़ा जाएगा, ताकि लोगों को समस्या से निजात मिल सके।