सिगरा स्टेडियम के नाम बदले जाने को लेकर सपाजनों में आक्रोश

सिगरा स्टेडियम के नाम बदले जाने को लेकर सपाजनों में आक्रोश

डॉ. सम्पूर्णानंद स्टेडियम के नाम को पुन: यथावत रखने के मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी कर जताया विरोध, कांग्रेस नेता ने भी किया नाम न बदलने की अपील

वाराणसी (रणभेरी सं.)। जिला प्रशासन द्वारा सिगरा स्टेडियम को वाराणसी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बदले जाने को लेकर सपाईयो ने  आज जबरदस्त विरोध दर्ज कराते हुए सिगरा स्टेडियम के मुख्य गेट पर धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताते हुए अपर जिला मजिस्ट्रेट को पत्रक  सौपा। सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा के नेतृत्व मे सपा कार्यकर्ता आज सिगरा स्टेडियम पहुंचकर डॉ. सम्पूणार्नंद स्टेडियम के नाम को पुन: यथावत रखने के मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन नारेबाजी  करते हुए विरोध दर्ज कराया। 

 सपा एम एलसी आशुतोष सिन्हा एवं सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा  विश्वकर्मा  ने कहा कि सिगरा स्टेडियम को निजी कंपनी के हाथ देना एवं डॉ. सम्पूणार्नंद के नाम को बदलकर जिला प्रशासन ने घोर अपमान किया है।
इसे काशीवासी कत्तई बर्दाश्त नहीं कर सकते। विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने सम्पूणार्नंद के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि विधान परिषद मे सिगरा स्टेडियम के नाम बदले जाने का मुद्दा उठाया जायेगा। पत्रकार सौपने वालो मे प्रमुख रूप से एम एल सीआशुतोष सिन्हा,वरिष्ठ नेता हरिनारायण सिंह बग्गड़, व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल, मिडिया प्रभारी संतोष यादव एडवोकेट बबलू, अजय चौरसिया, श्रीवास्तव, हारून अंसारी, राहूल सिंह यादव, आयुष यादव, राहुल गुप्ता, संदीप मिश्रा, अतुल श्रीवास्तव, संदीप यादव, आर डी मिश्रा, रोहित यादव, एस सिन्हा, राहूल सोनकर, रिजवान खान आदि लोग उपस्थित थे।

काशी की विरासत का अपमान है स्टेडियम से डॉ. सम्पूणार्नंद का नाम हटाना : अजय राय 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि बनारस के पुराने प्रतिष्ठित स्टेडियम का आधुनिक निर्माण कराने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन करना स्वागतयोग्य हो सकता है, लेकिन स्टेडियम से बाबू सम्पूणार्नंद का नाम हटा देना न केवल आपत्तिजनक बल्कि शर्मनाक भी है। श्री राय ने इसे काशी की गौरवशाली विरासत का अपमान करार देते हुए कहा कि इससे काशी के लाखों लोग आहत हैं और दुखी हैं। कांग्रेस इस अमर्यादित कृत्य का कड़ा विरोध करती है। अजय राय ने कहा कि बाबू सम्पूणार्नंद जैसे विद्वान और लोकप्रिय मनीषी राजनेता का नाम किसी प्रतिष्ठान से हटाया जाना सिर्फ उनका अपमान नहीं है, बल्कि यह काशी की विद्वत आचार्य परम्परा, सत्य, त्याग, नैतिक मूल्यों और ईमानदारी की प्रेरणास्पद राजनीति का भी अपमान है। सम्पूणार्नंद का योगदान न केवल काशी बल्कि देश की आजादी की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण रहा है, और ऐसे व्यक्ति का नाम हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। अजय राय ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम उस दल के लोगों द्वारा उठाया गया है, जिसने अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर ह्यनरेन्द्र मोदी स्टेडियम कर दिया।  अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस मुद्दे का संज्ञान लें और बाबू सम्पूणार्नंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम पुन: बहाल करने के निर्देश दें। उन्होंने इसे एक नैतिक धर्म और काशी की भावनाओं का सम्मान करने की जरूरत बताया। कांग्रेस ने इस कदम के विरोध को एक आंदोलन में बदलने की चेतावनी दी।