काशी विद्यापीठ का 44 वां दीक्षांत समारोह 31 दिसंबर को, 85 हजार से ज्यादा छात्रों को मिलेगी डिग्रियां
वाराणसी (रणभेरी): महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह की तारीखों में बदलाव किया गया है।काशी विद्यापीठ के केंद्रीय कार्यालय स्थित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में प्रेस वार्ता कर कुलपति प्रो. आनंद त्यागी ने ये जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह की शुरुआत 27 दिसंबर को हो जाएगी। 27, 28 और 29 दिसंबर को सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं होंगी। वहीं, 30 दिसंबर को रिहर्सल और मेडल वितरण का मुख्य कार्यक्रम 31 दिसंबर को होगा। राज्यपाल बच्चों को मेडल देंगी। 44वें दीक्षांत समारोह में कुल 85,192 उपाधियां दी जाएंगी। इसमें स्नातक के 55061 और परा स्नातक की 30131 उपाधियां शामिल हैं। वहीं, कुल 59 गोल्ड मेडल भी वितरित किए जाएंगे। इनमें यूजी के 16 और पीजी के 43 छात्र शामिल हैं। साथ ही 4 स्पेशल मेडल्स भी दिए जाएंगे।
कुलपति प्रो. त्यागी ने कहा कि इस बार दीक्षांत समारोह के मुख्य कार्यक्रम में केवल गोल्ड मेडलिस्टों को ही शामिल करने की अनुमति दी गई है। ये गोल्ड मेडलिस्ट गांधी अध्ययन पीठ सभागार में होंगे। उनके माता-पिता को राजाराम शास्त्री सभागार में बिठाया जाएगा। कुलपति ने कहा कि इस बार कोविड दोबारा से आ गया है। इसलिए, लास्ट मिनट में हमें दीक्षांत कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ गया है। गोल्ड मेडल मुख्य मंच से दिया जाएगा। वहीं, हर विभाग के टॉप टेन बच्चाें को उपाधियां काउंटर से मिलेंगी। ताकि, हॉल में छात्रों की भारी भीड़ न जुटे। इसके अलावा राजाराम शास्त्री सभागार में छात्रों को बिठाया जाएगा।
तीन बड़े डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे। मानविकी संकाय, प्रशासनिक भवन और गांधी अध्ययन पीठ के बाहर बड़े डिस्प्ले में दीक्षांत का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। कुलपति ने कहा कि हमारी ओर से पूरी कोशिश है कि कोई बच्चा छूटे न और साथ ही साथ सुरक्षा का भी पूरा प्रबंध हो। दीक्षांत समारोह के बाद 2 जनवरी से 7 जनवरी के बीच काशी विद्यापीठ बंद रहेगा। कुलपति ने कहा कि विंटर हॉलिडे कर दिया गया है। उसी में विद्यापीठ छात्र संघ चुनाव की तैयारियां भी होंगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के कार्यालय में बुलाया जा सकता है।