UP: ‘वंदे मातरम् सिर्फ नारा नहीं, जिम्मेदारी है’; लोकसभा में अखिलेश का सत्ता पक्ष पर वार

UP: ‘वंदे मातरम् सिर्फ नारा नहीं, जिम्मेदारी है’; लोकसभा में अखिलेश का सत्ता पक्ष पर वार

(रणभेरी): संसद के शीतकालीन सत्र में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर लोकसभा में विशेष चर्चा ने सियासी माहौल को गरमा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि आज सदन एक गौरवशाली क्षण का साक्षी बन रहा है। उन्होंने वंदे मातरम् को स्वतंत्र और समृद्ध भारत की आत्मा बताते हुए इसे आने वाले भारत की प्रेरणा करार दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश के महापुरुषों का सपना था स्वतंत्र भारत और आज की पीढ़ी का सपना है समृद्ध भारत। आज़ाद भारत के सपने को वंदे मातरम् की भावना ने सींचा और समृद्ध भारत के सपने को भी यही भावना सींचेगी। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना है।”

उन्होंने आगे कहा कि जब-जब देश पर संकट आया, वंदे मातरम् की भावना ने राष्ट्र को संबल दिया। 15 अगस्त, 26 जनवरी, हर घर तिरंगा जैसे अभियानों में वही भाव नजर आता है। जब आपातकाल के दौरान संविधान की गरिमा पर प्रहार हुआ, तब भी इसी चेतना ने देश को खड़े होने की ताकत दी। युद्ध के समय भी जवान इसी भावना के साथ सरहद पर डटे और विजय प्राप्त की।

पीएम मोदी के बाद कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने अपनी बातें रखीं। इसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने सत्ता पक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् ने देश को एक किया और आज़ादी की लड़ाई में जान फूंकी, लेकिन आज सत्ता पक्ष हर चीज पर कब्जा करना चाहता है।

अखिलेश यादव ने कहा, “ये लोग हर बात का श्रेय लेना चाहते हैं। जो महापुरुष इनके नहीं हैं, उन पर भी कब्जा करने की कोशिश करते हैं। इनकी बातों से ऐसा लगता है मानो वंदे मातरम् भी इन्हीं का बनाया हुआ गीत हो।”

उन्होंने आगे कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं, उसे जीवन में उतारने के लिए है। “जिन्होंने कभी आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, वे वंदे मातरम् का महत्व क्या समझेंगे? ये राष्ट्रवादी नहीं, ‘राष्ट्रवादी लोग’ हैं,”-अखिलेश ने कटाक्ष किया।

लोकसभा में वंदे मातरम् पर हुई यह बहस जहां एक ओर राष्ट्रभाव और विकास के सपनों की बात करती दिखी, वहीं दूसरी ओर इसने राजनीतिक अधिकार और विरासत की जंग को भी उजागर कर दिया।