सेंट्रल बार एसोसिएशन से निष्कासन के विरोध में अधिवक्ताओं का धरना जारी, डॉ. राहुल राज ने निष्पक्ष जांच की मांग की

सेंट्रल बार एसोसिएशन से निष्कासन के विरोध में अधिवक्ताओं का धरना जारी, डॉ. राहुल राज ने निष्पक्ष जांच की मांग की

वाराणसी (रणभेरी): सेंट्रल बार एसोसिएशन द्वारा अधिवक्ता डॉ. राहुल राज और अन्य सहयोगियों को तीन साल के लिए निष्कासित करने के फैसले के विरोध में अधिवक्ताओं का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। डीएम कार्यालय के सामने आयोजित धरने में राहुल राज और अन्य वरिष्ठ तथा जूनियर अधिवक्ता लगातार अपनी मांगों को लेकर बैठकर निष्पक्ष जांच की अपील कर रहे हैं।

राहुल राज ने मीडिया से बातचीत में बताया कि विवाद की शुरुआत कुछ दिन पहले हुई, जब एफसीएटी कोर्ट में उनकी बेल लगने के बाद जूनियर अधिवक्ता द्वारा केवल सीडी कमेंट के लिए निवेदन किया गया था। इस पर शासकीय अधिवक्ता मनोज गुप्ता ने पैसे की मांग की। राहुल राज ने कहा कि उनके जूनियर ने विनम्रतापूर्वक यह अवगत कराया कि केवल सीडी कमेंट के लिए इतनी रकम का अनुरोध उचित नहीं है। इसके बाद मनोज गुप्ता ने अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया।

राहुल राज ने आगे बताया कि उसी दिन कचहरी परिसर में उनके साथ झड़प हुई, जिसमें उनकी ओर से कोई पूर्व रंजिश नहीं होने के बावजूद 50-52 वर्ष के एक अधिवक्ता ने उन पर हमला किया। इसके बाद, सेंट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री ने बिना किसी औपचारिक जांच या पक्ष सुनने के तुरंत निर्णय लेते हुए डॉ. राहुल राज और अन्य अधिवक्ताओं को तीन वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया। राहुल राज ने बताया कि आम सभा बुलाने की प्रक्रिया पूरी तरह असंवैधानिक और पक्षपातपूर्ण थी; उन्हें अपनी बात रखने का अवसर तक नहीं दिया गया।

धरने पर बैठे अधिवक्ताओं ने कहा कि यह संघर्ष केवल उनके व्यक्तिगत हित के लिए नहीं है, बल्कि यह संविधान की रक्षा, कचहरी की स्वतंत्रता और आम अधिवक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की लड़ाई है। डॉ. राहुल राज ने जोर देकर कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे लगातार धरना जारी रखेंगे।

धरने में उपस्थित अधिवक्ताओं ने कहा कि इस कार्रवाई से न्यायपालिका के परिसर में विश्वास और पारदर्शिता पर प्रश्न उठता है। उनका यह कहना है कि बिना उचित जांच और सुनवाई के निर्णय लेने की प्रक्रिया न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।