रिसर्च कॉपी चेक करने में ईमानदारी न बरतने का आरोप
वाराणसी (रणभेरी)। बीएचयू के पीएचडी प्रोग्राम 2023-24 की रेट एग्जेम्टेड परीक्षा का रिसर्च प्रपोजल लिखने में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) क्वालिफाइड छात्र-छात्राएं भी असफल हो गए हैं। इंटरव्यू के लिए कॉल न आने से सैकड़ों अभ्यर्थियों ने रिजल्ट देखकर माथा पकड़ लिया है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि शोध पत्र और डिजर्टेशन लिख चुके छात्र-छात्राएं रिसर्च प्रपोजल के 50 में से क्वालिफाइंग 20 अंक भी कैसे हासिल नहीं कर सके। प्रवेश प्रक्रिया के विरोध में लामबंद छात्र-छात्राओं की 50 से 60 शिकायतें रोज परीक्षा नियंता कार्यालय में पहुंच रही हैं। नवंबर 2023 में बीएचयू रेट एग्जेम्टेड की लगभग 720 सीटों के लिए शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया के दौरान 1200 के आसपास आवेदन आए थे। रेट एग्जेम्टेड के लिए नेट और जेआरएफ अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालय स्तर पर 50 नंबर की एक सब्जेक्टिव परीक्षा देनी थी। इस परीक्षा को क्वालिफाई करने के लिए कम से कम 20 अंक जरूरी थे। विभिन्न विषयों में जेआरएफ होल्डर अभ्यर्थी क्वालिफाइंग मार्क्स प्राप्त करने को लेकर आश्वस्त थे। मगर, रिजल्ट आने के बाद बड़ी तादाद में अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं गई। इसके बाद अभ्यर्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया। सप्ताहभर से अधिक समय तक परीक्षा नियंता कार्यालय के सामने अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन भी किया, मगर बात नहीं बनी। अब 50 से 60 अभ्यर्थी प्रतिदिन परीक्षा नियंता कार्यालय में शिकायत दर्ज कराने पहुंच रहे हैं। उनका आरोप है कि रिसर्च प्रपोजल की कॉपी चेक करने में पूरी ईमानदारी नहीं बरती गई है। वरना उनके लिए 20 नंबर प्राप्त करना बड़ी बात नहीं थी। कई विभागों में सीटें रिक्त हैं, फिर भी उन पर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।