...तो चेतमणि जेम्स एण्ड ज्वैल्स पर चलेगा वीडीए का बुलडोजर !
- भवन खाली करने को दी 15 दिन की मोहलत, इस अवैध इमारत को वीडीए कराएगा ध्वस्त
- सुनील कुमार अग्रवाल ने अवैध तरीके से प्रतिबंधित क्षेत्र में बना दिया व्यवसायिक भवन्
वाराणसी (रणभेरी सं.)। सबका साथ, सबका विकास का नारा जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था तो लोगों को यह विश्वास हो गया था कि इस सरकार में जरूर हर वर्ग के लोगों का विकास होगा। समय के साथ जब इस नारे को जमीन पर चरितार्थ करने की बारी आयी तब सब कुछ उलट गया। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही एक ऐसा विभाग है जिसने प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास वाले नारे को न सिर्फ झूठा बनाया बल्कि इसी नारे को अपने अंदाज में परिभाषित कर शहर में भ्रष्टाचार की एक नई इबारत लिख डाली। हम बात कर रहे है प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सबसे अकर्मण्य विभाग वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की।
वीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास वाले नारे को इस तरह रेखांकित किया कि काशी जैसे धार्मिक शहर की सुंदरता को मिट्टी में मिला दिया। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर में तमाम अवैध कॉलोनियां बस गई, सैकड़ो अवैध व्यवसायिक भवन निर्मित हो गए। शहर का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां अवैध निर्माण की गंगा न बहती हो। हम आपको बता दे कि यह सारा खेल वीडीए अधिकारियों की सहमति से ही होता है।
यह मामला भेलूपुर जोन के रविंद्रपुरी स्थित एक आलिशान इमारत का है। जिसे एचएफएल एरिया में अवैध तरीके से खड़ा कर दिया गया और उस इमारत में बाकायदा ग्राउंड फ्लोर पर चेतमणि ज्वेलर्स के नाम से ज्वेलरी का एक आलिशान शो रूम तथा प्रथम तल पर रूपदर्शी साडीज के नाम से साड़ी का एक शो-रूम भी खोल दिया गया।
जब बीते शुक्रवार को इस अवैध निर्माण की खबर सांध्य दैनिक समाचार पत्र रणभेरी ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो वीडीए के जोनल अफसर प्रमोद तिवारी एक्शन में देखे गये।
भेलूपुर जोन के जोनल अधिकारी प्रमोद तिवारी तत्काल एक्शन लेते हुये अगले ही दिन शनिवार को इस अवैध भवन पर जा पहुचे और भवन स्वामी सुनील कुमार अग्रवाल को ध्वस्तीकरण का आदेश थमा दिया है। नोटिस के जरिए भवन को 15 दिन में खाली करने की मोहलत दी गयी है। नोटिस में कहा गया है कि आप द्वारा किये गये सम्पूर्ण अनधिकृत निर्माण के विरूद्ध उ०प्र० नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत नोटिस की कार्यवाही करते हुए दिनांक 6 अप्रैल 2024 को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया था।
पारित ध्वस्तीकरण आदेश दिनांक 6 अप्रैल 2024 के क्रम में स्थल पर किये गये अनधिकृत निर्माण को 15 दिवस के अन्दर स्वत: हटा लें, अन्यथा प्राधिकरण अवैध निर्माण को ध्वस्त करा देगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी भवन स्वामी की होगी और इस निमित्त होने वाला व्यय धारा-27(1) के तहत भू-राजस्व बकाये की भाँति वसूल किया जाएगा। अब देखना होगा की वीडीए के इस फरमान के बाद इस अनाधिकृत निर्माण पर सूबे के तेज तर्रार मुख्यमंत्री का बुलडोजर कब चलाते है या फिर एक बार सत्ता के दलाल इस अवैध निर्माण के आगे ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं।