पूजा पर अड़े स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का अन्न-जल त्याग चौथे दिन भी जारी
वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में ज्ञानवापी में एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिली शिवलिंग आकृति के पूजन से रोके जाने के विरोध में श्रीविद्यामठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द का अनशन चौथे दिन मंगलवार को भी जारी है। वह ज्ञानवापी परिसर में पूजा की मांग को लेकर शनिवार की सुबह 8:30 बजे से श्री विद्या मठ में अनशन पर बैठे हुए हैं। आज भी अन्न और जल नहीं ग्रहण किया है। उनका कहना है कि प्राणधारी देवता को तीन वर्ष के बालक के समकक्ष समझा जाता है। ऐसे में ज्ञानवापी क्षेत्र में प्रकट हुए भगवान आदि विश्वेश्वर को भी अन्न जल पहुंचना चाहिए। सवाल उठाया कि जब हत्या मामले में विचाराधीन कैदी को भी भोजन-पानी की व्यवस्था की जाती है तो भगवान विश्वेश्वर को अन्न जल क्यों नहीं। इससे हृदय आहत है।
इस बीच दोपहर में चिकित्सकों के दल ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द का स्वास्थ्य परीक्षण किया। बताया कि उनकी सेहत तेजी से गिर रही है। इसके बाद भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने स्पष्ट किया कि जब तक आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना आरंभ नहीं हो जाती तब तक अपने संकल्प से नहीं हटेंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का रूटीन चेक-अप करने के लिए सोमवार शाम को डॉक्टरों की टीम श्री विद्या मठ पहुंची थी। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की सेहत तेजी से गिर रही है। वह अन्न और जल ग्रहण नहीं कर रहे हैं। इस भीषण गर्मी में अन्न- जल के बिना रहना सेहत के लिए ठीक नहीं है।
डॉक्टरों ने अविमुक्तेश्वरानंद से जब पानी पीने के लिए कहा तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक आदि विश्वेश्वर की पूजा शुरू नहीं हो जाती है तब तक मैं अन्न और जल को हाथ नहीं लगाऊंगा। मंगलवार को दिल्ली से गौरक्षा महाअभियान समिति के प्रचार मंत्री स्वामी त्रिभुवन दास, संस्था के महामंत्री जय प्रकाश गुर्जर सनातनी और माता कैलाशानंद गिरी जी महाराज श्री विद्या मठ में पहुंचे हैं। समिति ने अविमुक्तेश्वरानंद के ज्ञानवापी परिसर में पूजा की मांग को समर्थन दिया है। इससे पहले सोमवार को अस्सी स्थित मुमुक्षु भवन के दंडी स्वामियों ने मौन उपवास रखा। आध्यात्मिक उत्थान महिला मंडल समिति की ओर से अस्सी घाट पर कीर्तन किया गया।
पुलिस की ओर से कहा गया कि आपको पहले ही बताया जा चुका है कि जहां आप पूजा करने जाना चाहते हैं वह स्थान अदालत के आदेश से सील है। लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए वहां किसी को पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती है। पुलिस से नोकझोंक के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जब तक ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की पूजा शुरू नहीं होगी वह अन्न और जल नहीं ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही वह अनशन शुरू कर दिए। दोपहर के समय पुलिस को चकमा देकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती श्रीविद्या मठ से बाहर निकल कर सोनारपुरा चौराहा पहुंच गए। हालांकि पुलिस उन्हें वापस श्रीविद्या मठ ले आई। उनसे कहा गया कि वह ज्ञानवापी जाने का विचार त्याग दें और पुलिस का सहयोग करें।