वाराणसी कोर्ट का फैसला- ज्ञानवापी से जुड़े सात मामलों की अब एक साथ होगी सुनवाई

वाराणसी कोर्ट का फैसला- ज्ञानवापी से जुड़े सात मामलों की अब एक साथ होगी सुनवाई

(रणभेरी): वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी विवाद से जुड़े सात मामलों की सुनवाई एक साथ करने का फैसला किया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने 22 मई को यह आदेश दिया है। हिंदू पक्ष ने 7 केस एक साथ सुनने की याचिका दाखिल की थी। मामले में अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी। जिला जज ने आदेश में स्पष्ट किया है कि जब सभी मामले स्थानांतरित होकर जिला जज की अदालत में आ जाएंगे, तब देखा जाएगा कि सभी मामले एक साथ सुने जाने योग्य हैं या नहीं। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 21 अप्रैल की तिथि तय कर दी है।ज्ञानवापी से जुड़े शृंगार गौरी वाद की महिला वादिनियों लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, सीता साहू व मंजू व्यास ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सात मामलों की सुनवाई एक साथ, एक ही अदालत में करने की मांग की थी। इसी पर जिला जज की अदालत ने सोमवार को आदेश पारित किया है।19 पेज के आदेश में कहा गया है कि जिन अदालतों में मामले लंबित हैं, उन्हें जिला जज की अदालत में स्थानांतरित किया जाता है।

 इनके स्थानांतरित होकर जिला जज की अदालत में आने के बाद इस बिंदु का निर्धारण किया जाएगा कि सभी वादों का एक साथ सुना जाना उचित है या नहीं।जिला जज की अदालत ने कहा कि अदालत वादों को एक साथ करने का निर्णय तभी लेगी, जब सभी वाद स्थानांतरित होकर इस अदालत में आएंगे। इसके बाद ही इस बिंदु का निर्धारण किया जाएगा कि क्या सभी सात वादों को एक साथ किया जाना उचित होगा। सभी सातों वाद से संबंधित आवेदन स्वीकार किए जाने योग्य हैं। इसी के साथ जिला जज ने सभी वादों की पत्रावली को तलब करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल तय कर दी है।जिला जज की अदालत ने जैसे ही स्थानांतरण आवेदन स्वीकार किया, वैसे ही मामले की महिला वादिनियां व उनके अधिवक्ता सामने आए। वादिनी लक्ष्मी देवी और उनके अधिवक्ताओं सुधीर त्रिपाठी, सुभाषनंदन चतुर्वेदी, दीपक सिंह ने कहा कि यह प्रारंभिक जीत है। इससे जल्द ही न्याय मिल सकेगा। सभी मामलों में अलग-अलग तारीखों पर नहीं आना पड़ेगा। एक ही तारीख पर सभी मामलों की सुनवाई एक ही अदालत में हो सकेगी।