Varanasi : NGT की टीम ने टेंट सिटी संचालकों से मांगी एनएमसीजी की NOC, 20 बिंदुओं पर देना होगा जवाब
वाराणसी (रणभेरी): राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से गठित 7 सदस्यीय जांच कमेटी ने टेंट सिटी का निरीक्षण किया। टेंट सिटी के निरीक्षण दौरान 20 बिंदुओं पर टेंट सिटी के संचालको से सवाल किया है। इस दौरान गंगा की पारिस्थितिकी पर इसके प्रभाव व दुष्प्रभाव का आंकलन किया। टीम ने टेंट सिटी संचालकों से नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (एनएमसीजी) से मिले अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा। स्थानीय प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के अधिकारियों से भी सवाल-जवाब किए गए। NGT की जांच टीम ने गंगा के किनारे रेत पर बने टेंट सिटी से कार्बन फुटप्रिंट, प्रदूषण, गंगा जल जीवों और गंगा इको सिस्टम पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का आकलन किया। टीम के सदस्यों ने टेंट सिटी के सामने से गंगा के कई सैंपल कलेक्ट किए। इस पानी की जांच के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के साथ ही राज्य सिंचाई और जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया है। जांच के बाद पानी की रिपोर्ट NGT में रखी जाएगी। टीम ने टेंट सिटी संचालकों के अलावा भेलूपुर स्थित क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में स्थानीय प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय के अधिकारियों से भी सवाल-जवाब किए गए। टेंट सिटी की वजह से जलीय जीवों को होने वाले नुकसान से बचाने की भी तरकीब पूछी।
17 मार्च की सुनवाई के बाद NGT चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मामले पर गंभीरता बरती और एक सप्ताह के अंदर टेंट सिटी का ग्राउंड लेवल पर निरीक्षण और जांच शुरू करने का आदेश दिया। मगर, आदेश दिए डेढ़ महीने बीत गए। कार्रवाई अब जाकर शुरू हुई है। 26 मई को टेंट सिटी के मामले में कमेटी को NGT के समक्ष रिपोर्ट पेश की जानी है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वाराणसी के क्षेत्रीय अधिकारी ने इसको लेकर एक पत्र संयुक्त समिति के सभी सदस्यों को भेजा है। NGT द्वारा गठित सात सदस्यीय संयुक्त जांच समिति में वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजलिंगम, अपर जिलाधिकारी (नगर) गुलाब चंद , सिंचाई विभाग के तरफ से मुख्य अभियंता (सोन), दिनेश कुमार पांडवाल, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के तरफ से अपर निदेशक डाॅ. एके गुप्ता और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) से सीनियर वेस्ट मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट, रजत कुमार गुप्ता , केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डाॅ. एससी शुक्ला और मुख्य वन्य जीव संरक्षक हैं।