विश्वनाथ धाम में प्रसाद के नाम पर श्रद्धालुओं की कटती है जेब

विश्वनाथ धाम में प्रसाद के नाम पर श्रद्धालुओं की कटती है जेब

लॉकर पर लगा रखा है नि:शुल्क का बोर्ड, लेकिन प्रसाद के नाम पर पूरी वसूली

वाराणसी (रणभेरी): बाबा विश्वनाथ के धाम में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा के दरबार में जाने से पहले अजीब तरह की समस्या से रोजाना दो चार होना पड़ता है। दुकानदारों ने लॉकर निशुल्क का बोर्ड तो लगा रखा है लेकिन प्रसाद के नाम पर वह पूरी वसूली कर लेते हैं। विरोध करने वालों को तो जलालत भी झेलनी पड़ती है और बाहरी होने के कारण इक्का-दुक्का लोग ही शिकायत भी करते हैं। तो कुछ लोग आस्था के नाम पर जो भी मांगते उसे चुकता कर दर्शन-पूजन को चले जाते हैं।

श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद देश भर से बनारस आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सामान्य दिनों में 40 से 50 हजार श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। गेट नंबर एक, गेट नंबर दो, गेट नंबर तीन या गेट नंबर चार हर जगह श्रद्धालुओं के साथ रोजाना प्रसाद के नाम पर गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं। प्रसाद में जहां ढाई सौ ग्राम दूध का 30 से 40 रुपये वसूला जाता है वहीं माला का दाम भी 25 से 60 रुपये तक होता है। बाबा के प्रसादम के नाम पर सबसे छोटा डब्बा 150 रुपये का और बड़ा वाला डब्बा 250 रुपये से लेकर 400 रुपये तक में बेचा जाता है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि बाहरी दुकानदारों द्वारा प्रसाद के नाम पर मनमाना दाम वसूलने की शिकायतें मिली हैं। इसकी निगरानी कराई जा रही है और जल्द ही कार्रवाई भी होगी। 

  • यात्री सुविधा केंद्र के बारे में अंजान दर्शनार्थी

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में मोबाइल व सामान रखने के लिए निशुल्क लॉकर का इंतजाम किया गया है। धाम क्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी प्रमुख द्वार के पास मोबाइल व सामान जमा करने के इंतजाम हैं लेकिन अधिकतर यात्रियों को इसकी जानकारी तक नहीं है। गेट नंबर चार के प्रवेश द्वार के आसपास इसका सूचना बोर्ड भी नहीं लगा हुआ। यात्री जब धाम में प्रवेश कर जाते हैं तब उनको पता चलता है कि यहां तो लॉकर के निशुल्क इंतजाम हैं। मिली जानकारी के अनुसार बाहर से आए एक श्रद्धालु अपने साथियों के साथ श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। मंदिर से आठ सौ मीटर पहले से ही माला-फूल की दुकान वालों ने रोकना शुरू कर दिया। मंदिर में दर्शन के नियम समझाने के साथ ही मोबाइल जमा करने की बात बताने लगे। वो  एक दुकान पर ठहर गए और मोेबाइल जमा करा दिया। दुकानदार ने बताया कि लॉकर निशुल्क है लेकिन प्रसाद आपको लेना पड़ेगा। 

मोबाइल जमा करा चुके थे तो सोचा कि ठीक है प्रसाद भी ले लेते हैं। इसके बाद प्रसाद चढ़ाकर जब लौटे तो दुकानदार ने 550 रुपये का बिल थमा दिया। इसके बाद दुकानदार और श्रद्धालु के बीच थोड़ी बहस भी हुई। ऐसे ही एक अन्य श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे, लेकिन धाम पहुंचने से पहले ही दुकानदारों ने उनको अपनी बातों में फंसा लिया। इसके बाद मोबाइल जमा कराकर प्रसाद के नाम पर साढ़े पांच सौ रुपये का भुगतान भी करा लिया गया। यह तो एक दो वाकया है। न जाने हर रोज कितने श्रद्धालु प्रसाद के नाम पर अपनी जेब कटवाते हैं।