उमेश पाल हत्याकांड: आजमगढ़ में गनर संदीप पंचतत्व में विलीन, मुखाग्नि के बाद रो पड़े पिता
(रणभेरी): यूपी के प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में उमेश पाल के साथ रहे दो गनर की भी मौत हो गई थी। इनमें एक गनर आजमगढ़ के अहिरौला थाना क्षेत्र के बिसईपुर गांव के रहने वाले संदीप निषाद (26 ) थे। संदीप निषाद तीन भाईयों में दूसरे नंबर पर था। उसकी एक बहन भी है। वह अपने बड़े भाई प्रदीप निषाद को प्रयागराज में ही अपने साथ रखकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। छोटा भाई दीपचंद्र घर पर ही रहता है। पोस्टमॉर्टम के बाद डेड बॉडी गांव पहुंचने पर परिजनों में कोहराम मच गया। पत्नी रीमा बेसुध हो गई, जबकि बेटे की मौत पर मां का कलेजा फटा जा रहा था। दूसरी ओर, गांव वाले गम के समय पीड़ित परिवार को संभालने में लगे रहे। कोशिश थी कि परिवार को किसी तरह समझा कर संभाला जाए।
मगर, कोशिशें काम नहीं आ रही थीं। हृदय विदारक रुदन से हर किसी की आंख नम और गला रुंध जा रहा था। सुबह शव यात्रा निकाले जाने के पहले बड़ी संख्या में लोगों ने परिवार में से एक सदस्य को नौकरी दिए जाने की मांग और घर तक जाने वाली सड़क बनवाने की मांग को लेकर धरना भी दिया। क्षेत्रीय सांसद ने घर तक रास्ता और अधिकारियों ने अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का वादा किया तो सिपाही का शव अंतिम संस्कार के लिए दुर्वासा धाम रवाना हुआ। जब तक सूरज चांद रहेगा, संदीप तेरा नाम रहेगा के नारे से पूरा गांव गूंज उठा। दुर्वासा घाट पर पर गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सिपाही के पिता ने मुखाग्नि दी तो फफक उठे। वहां मौजूद हर शख्स के आंखों में भी आंसू आ गए। अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।