सियासी चाल में बीस, बिहार के नीतीश

सियासी चाल में बीस, बिहार के नीतीश

मुख्यमंत्री शाम चार बजे राज्यपाल से करेंगे मुलाकात 
गठबंधन बचाने की अंतिम कोशिश हुई बेकार

(रणभेरी): बिहार में 5 साल बाद फिर से नीतीश कुमार की पार्टी JDU और BJP के बीच गठबंधन टूट गया है। मुख्यमंत्री आवास पर JDU के सांसदों और विधायकों की मीटिंग में इसकी घोषणा की गई है। बिहार में जेडीयू और भाजपा की राहें अलग-अलग हो गई हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधिकारिक तौर पर विधायकों की बैठक में भारतीय जनता पार्टी से अलग होने का ऐलान कर दिया है। नीतीश कुमार आज शाम चार बजे राज्यपाल से मुलाकात करेंगे और सूत्रों का कहना है कि इस दौरान आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी उनके साथ होंगे। इससे पहले नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने अपने-अपने आवास पर विधायकों की बैठक भी की।

ये सब तब हुआ जब 10 दिन पहले यानी 31 जुलाई को। उस दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार में कई कार्यक्रमों में शिरकत की थी। यहां उन्होंने एक ऐसा बयान दिया था, जिसने राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा कर दी थी। सवाल उठ रहा है कि क्या नड्डा के बयान ने ही भाजपा-जदयू गठबंधन में आखिरी कील ठोकी?

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर बोले- भाजपा चाहती है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू-भाजपा और अन्य दलों की सरकार मजबूती से काम करती रहे और यह बिहार के साथ-साथ देश के हित में भी है। महागठबंधन की बैठक में आरजेडी के विधायकों, एमएलसी और सांसदों ने तेजस्वी यादव को सभी फैसला लेने के लिए अधिकृत किया और कहा कि वे उनके साथ हैं। आरजेडी के सूत्रों के हवाले से खबर- लालू प्रसाद यादव हर हरकत पर करीब से नजर रख रहे हैं लेकिन सारे फैसले तेजस्वी यादव ले रहे हैं । शाम चार बजे राज्यपाल से मिलेंगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी साथ रह सकते हैं। बिहार में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा-जदयू गठबंधन पर संकट के बादल मंडराने लगें थे। वहीं, राजद और जदयू में नजदीकी भी बढ़ती दिख रही। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के इस्तीफे के बाद गहमागहमी काफी तेज हो गई । माना जा रहा है कि बहुत जल्द नए गठबंधन के साथ नई सरकार बन सकती है। जदयू विधायकों और सांसदों की बैठक में अंतिम निर्णय हो सकता है। जदयू पटना में बैठक की । इसी वक्त राजद भी अलग अपनी एक बैठक की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आठ साल पुराने इतिहास को दोहराने के मुहाने पर खड़े थी। भाजपा जहां उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के जरिये गठबंधन बचाने की अंतिम कोशिश की थी, वहीं जदयू राज्य के सभी विपक्षी दलों के संपर्क में है। दरअसल भाजपा-जदयू के बीच चौड़ी हुई मतभेद की खाई की वजह पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह बने। नीतीश को आशंका है कि भाजपा महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की तर्ज पर बिहार में आरसीपी के जरिये उन्हें सत्ता से बेदखल करने की कोशिश कर रही थी।

जदयू के अलग राह पकड़ने के संकेत के बाद भाजपा गठबंधन बचाने की अंतिम कोशिश कर रही थी। इस कड़ी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं ने नीतीश के करीबी और राज्य के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से मुलाकात की । इसके बाद नीतीश और तारकिशोर की मुलाकात प्रस्तावित थी ।