कमिश्नरी सभागार में गांधी जयंती एवं शास्त्री जयंती पर श्रद्धांजलि, संघ कार्यकर्ताओं का पथ संचलन

कमिश्नरी सभागार में गांधी जयंती एवं शास्त्री जयंती पर श्रद्धांजलि, संघ कार्यकर्ताओं का पथ संचलन

वाराणसी (रणभेरी): राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती गुरुवार को शहर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विभिन्न सरकारी और सामाजिक संस्थानों की ओर से कार्यक्रम आयोजित किए गए।

कमिश्नरी सभागार में श्रद्धांजलि

कमिश्नरी सभागार में कमिश्नर एस. राजलिंगम सहित अधिकारियों ने दोनों महान विभूतियों के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा व्यक्त की। इस दौरान गांधीजी की प्रिय भजन ‘रामधुन’ का सामूहिक गायन किया गया। कमिश्नर ने कहा कि महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के बल पर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व कर ब्रिटिश सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया। वहीं लाल बहादुर शास्त्री की सादगी और उनके दिए ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे को राष्ट्र की प्रगति का आधार बताया।

कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी ने किया नमन

कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। कार्यक्रम की शुरुआत ‘रघुपति राघव राजा राम’ की धुन से हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि गांधीजी की शिक्षाएं आज भी हमें शांति, ईमानदारी और एकता का संदेश देती हैं।

आरएसएस का पथ संचलन कार्यक्रम

विजयादशमी के अवसर पर माधव नगर स्थित ब्रिंज इन्क्लेव बस्ती में शताब्दी वर्ष पर पथ संचलन निकाला गया। कार्यक्रम का शुभारंभ शस्त्र पूजन से हुआ। विभाग संघचालक जेपी लाल, नगर संघचालक दशरथ समेत कई पदाधिकारी और स्वयंसेवक मौजूद रहे। डॉ. अरुण ने संघ की स्थापना और उसकी प्रेरणादायी कार्ययात्रा पर विचार साझा किए। पथ संचलन मुंशी प्रेमचंद पार्क से प्रारंभ होकर सुंदरपुर, कौशलेश नगर होते हुए पुनः ब्रिंज इन्क्लेव में संपन्न हुआ।

भाजपा कार्यालय में स्वच्छता अभियान

भाजपा क्षेत्रीय कार्यालय, केशरीपुर रोहनिया में गांधी-शास्त्री जयंती पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी का ‘स्वदेशी’ और शास्त्री जी का ‘जय जवान, जय किसान’ का संदेश आज आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है।

गांधी-शास्त्री जयंती पर पूरे शहर में श्रद्धांजलि, विचार गोष्ठियों और स्वच्छता कार्यक्रमों का आयोजन कर दोनों महान विभूतियों की स्मृति को नमन किया गया।