तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष : लड़की ने कहा-पहले तंबाकू छोड़ो तब लेंगे सात फेरे

तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष : लड़की ने कहा-पहले तंबाकू छोड़ो तब लेंगे सात फेरे

प्रयागराज। मोती लाल नेहरु मंडलीय चिकित्सालय (कॉल्विन) के तंबाकू समउपदेशन केंद्र में वर्ष 2023-24 में 3800 लोगों ने तंबाकू से तौबा कर ली है। इसमें समय जरूर लगा मगर लोगों ने अपनी संकल्पशक्ति से लत छोड़ने पर कामयाब रहे। चिकित्सक कहते हैं, दृढ़ इच्छाशक्ति से तंबाकू की लत छोड़ी जा सकती है। इसके लिए लोग नजदीकी अस्पताल में भी संपर्क कर सकते हैं। तंबाकू की लत डालना आसान है मगर छोड़ना उतना ही मुश्किल है। कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने दृढ़ संकल्प से इस लत से छुटकारा पा लिया। किसी ने बेटे की दिलाई कसम पर तो किसी ने होने वाले जीवन साथी की शर्त के कारण बुरी लत से तौबा कर ली। मोती लाल नेहरु मंडलीय चिकित्सालय (कॉल्विन) के तंबाकू समउपदेशन केंद्र में वर्ष 2023-24 में 3800 लोगों ने तंबाकू से तौबा कर ली है। इसमें समय जरूर लगा मगर लोगों ने अपनी संकल्पशक्ति से लत छोड़ने पर कामयाब रहे। चिकित्सक कहते हैं, दृढ़ इच्छाशक्ति से तंबाकू की लत छोड़ी जा सकती है। इसके लिए लोग नजदीकी अस्पताल में भी संपर्क कर सकते हैं।


केस नंबर 1
धूमनगंज निवासी 50 वर्षीय एक महिला पिछले 30 वर्षों से तंबाकू का सेवन कर रही थी। एक दिन बेटे ने अपनी मां को तंबाकू छोड़ने की कसम दिला दी। मां ने भी संकल्प कर लिया। वह फरवरी महीने में कॉल्विन पहुंची। जहां 16 सेशन काउंसलिंग और कुछ दवाइयों की मदद से वह 50 दिनों के अंदर तंबाकू छोड़ दी।

केस नंबर 2
सत्ती चौरा निवासी 30 वर्षीय एक युवक को पिछले 17 साल से तंबाकू खाने की लत थी। उसने मीठी सुपारी से शुरूआत की थी और कुछ ही दिन में तंबाकू का आदी हो गया। इसी वर्ष जनवरी में उसकी शादी तय हो गई। लड़की ने शर्त रख दी कि जब तक तंबाकू की लत नहीं छोड़ोगे वह शादी नहीं करेगी। जिसके बाद वह कॉल्विन के समउपदेशन केंद्र पहुंचा। जहां 45 दिन की काउंसलिंग के बाद उसने तंबाकू पूरी तरह से छोड़ दी।

केस नंबर 3
 झूंसी निवासी 24 वर्षीय एक युवक फिजियोथेरेपी की ट्रेनिंग के लिए कॉल्विन अस्पताल आया। जहां पर उसके ट्रेनर ने लड़के से कहा कि तुम बहुत प्रतिभावान दिखते हो मगर तुम्हारी तंबाकू की लत सारे गुणों को दबा देती है। यह बात युवक को चुभ गई। जिसके बाद उसकी 45 दिनों तक काउंसलिंग चली। जिसके बाद उस युवक ने छह वर्ष पुरानी तंबाकू की लत को हमेशा के लिए छोड़ दिया। तंबाकू छोड़ने के लिए दृढ़ संकल्प का होना जरूरी होता है। पिछले दो वर्षों में करीब 7400 लोगों ने अपने पक्के इरादों के कारण तंबाकू पर विजय हासिल की है। - प्रमोद कुमार सिंह, साइकोलॉजिस्ट, तंबाकू समउपदेशन केंद्र तंबाकू छोड़ने के कई तरीके हैं। हेल्प लाइन नंबर 1800112356 व 011-22901701 पर भी सलाह दी जाती है। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का सेवन करने पर 200 रुपए जुमार्ने का प्रावधान भी है। - डॉ. शैलेष मौर्य, सीएमओ कार्यालय

तंबाकू से होने वाला कैंसर विश्व में 25 फीसदी मौत का कारण:डॉ. सोनिया तिवारी
प्रयागराज। तंबाकू का सेवन कैंसर जैसी कई जानलेवा बीमारियों को जन्म देने में बड़ी वजह बनता है। इसमें मुंह, सिर, गर्दन, स्तन, ग्रासनली, कोलन, फेफड़े, यकृत, पेट, आंत, अंडाशय के कैंसर शामिल हैं। अन्य बीमारियों जैसे फेफड़े,(सीओपीडी, ट्यूबरक्लोसिस), हृदय, गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, मधुमेह, प्रजनन क्षमता में कमी, समय से पहले बुढ़ापा, दांतों की समस्याएं देखने को मिलती हैं। यह बातें महाराणा प्रताप चौराहा स्थित इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनिया तिवारी ने पत्रकारों से बातचीत में कही। विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने बताया कि तंबाकू दुनिया भर में कैंसर से होने वाली 25 फीसदी मौतों के लिए जिÞम्मेदार है। यानी हर साल लगभग दो मिलियन मौतें होती हैं। विशेष रूप से, फेफड़ों के कैंसर से होने वाली लगभग 85 फीसदी मौतों के लिए धूम्रपान जिम्मेदार है। जो एक चिंताजनक और विनाशकारी स्थिति है। उन्होंने कहा कि तंबाकू के सेवन से विश्व भर में 80 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। इनमें से 70 लाख से अधिक मौतें प्रत्यक्ष तंबाकू सेवन के परिणाम स्वरूप हुई है। जबकि धूम्रपान न करने वालों में 1.2 मिलियन से अधिक लोग सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आ रहे हैं। वहीं भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहा है। हर साल लगभग नौ लाख लोग तंबाकू के सेवन के कारण मरते हैं और लगभग 3.50 लाख लोग इसके द्वितीयक जोखिम के कारण मरते हैं। इस अवसर पर एएमए अध्यक्ष डॉ. कमल सिंह सहित अन्य मौजूद रहे